Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 18 Apr, 2025 09:18 AM
अमेरिका की एक अदालत ने तकनीकी दिग्गज गूगल के खिलाफ बड़ा फैसला सुनाया है। वर्जीनिया के अलेक्जेंड्रिया स्थित अमेरिकी जिला न्यायाधीश लियोनी ब्रिंकमा ने माना है कि गूगल ने ऑनलाइन विज्ञापन बाजार में जानबूझकर एकाधिकार स्थापित किया और उसे बनाए रखा।
इंटरनेशनल डेस्क: अमेरिका की एक अदालत ने तकनीकी दिग्गज गूगल के खिलाफ बड़ा फैसला सुनाया है। वर्जीनिया के अलेक्जेंड्रिया स्थित अमेरिकी जिला न्यायाधीश लियोनी ब्रिंकमा ने माना है कि गूगल ने ऑनलाइन विज्ञापन बाजार में जानबूझकर एकाधिकार स्थापित किया और उसे बनाए रखा। कोर्ट ने कहा कि गूगल ने दो प्रमुख क्षेत्रों- प्रकाशक विज्ञापन सर्वर और विज्ञापन एक्सचेंज बाज़ार में यह दबदबा बनाया।
विज्ञापन तकनीक के दो बाजारों में अवैध दखल
फैसले के मुताबिक, गूगल ने प्रकाशकों और विज्ञापन खरीददारों के बीच जो तकनीकी सिस्टम चलता है, उस पर खुद को जबरदस्ती लीडर के रूप में पेश किया और प्रतिस्पर्धा को हटा दिया। इससे दूसरे छोटे-बड़े विज्ञापन तकनीकी खिलाड़ियों के लिए बाजार में जगह बनाना मुश्किल हो गया।
अब तय होगी सज़ा और समाधान की प्रक्रिया
कोर्ट का यह फैसला अब गूगल के लिए कानूनी रूप से और मुश्किलें पैदा कर सकता है। आगे एक और सुनवाई होगी जिसमें यह तय किया जाएगा कि गूगल को अपने व्यवसाय के कौन-कौन से हिस्से बेचने पड़ सकते हैं या क्या बदलाव करने होंगे ताकि उस बाजार में फिर से निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा बहाल हो सके।
अमेरिकी सरकार को मिला डेटा एक्सेस का रास्ता
इस फैसले से एंटीट्रस्ट अभियोजकों को गूगल के विज्ञापन उत्पादों की गहराई से जांच करने की भी छूट मिल गई है। इससे सरकार को गूगल की गुप्त तकनीकी नीतियों और रणनीतियों की तह तक जाने में मदद मिलेगी।
गूगल की चुप्पी, तकनीकी दुनिया में हलचल
फैसले के बाद अभी तक गूगल की ओर से कोई विस्तृत प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन तकनीकी और व्यापार जगत में यह खबर हलचल मचा रही है क्योंकि यह मामला सिर्फ गूगल तक सीमित नहीं बल्कि पूरी डिजिटल विज्ञापन इंडस्ट्री को प्रभावित कर सकता है।