Edited By Tanuja,Updated: 16 Apr, 2025 04:22 PM
ईरान के साथ परमाणु समझौते को लेकर बातचीत से पहले अमेरिका ने बड़ा कदम उठाया है। उसने पश्चिम एशिया में अपना दूसरा विमानवाहक पोत तैनात कर दिया ...
International Desk: ईरान के साथ परमाणु समझौते को लेकर बातचीत से पहले अमेरिका ने बड़ा कदम उठाया है। उसने पश्चिम एशिया में अपना दूसरा विमानवाहक पोत तैनात कर दिया है जो साफ संकेत देता है कि कूटनीति के साथ-साथ अब शक्ति प्रदर्शन भी ज़ोर पकड़ रहा है। USS कार्ल विंसन को अरब सागर में तैनात किया गया है, जहां पहले से ही USS ट्रूमैन मौजूद है। इस क्षेत्र में अमेरिका की सैन्य उपस्थिति ईरान समर्थित हाउती विद्रोहियों के खिलाफ भी काम कर रही है। दो विमानवाहक पोतों की मौजूदगी से संकेत है कि अमेरिका अब ईरान पर वार्ता के लिए दबाव बढ़ा रहा है।
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ओमान की राजधानी मस्कट में हुए पहले दौर की बातचीत को "सकारात्मक" बताया गया था। अब अमेरिका और ईरान के बीच दूसरे दौर की बातचीत 19 अप्रैल को रोम में होने की संभावना है। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई ने पहली बार परमाणु वार्ता पर सार्वजनिक टिप्पणी करते हुए इसे समर्थन दिया है। उन्होंने कहा, "हम न पूरी तरह आशावादी हैं, न निराशावादी।" यह बयान दर्शाता है कि तेहरान बातचीत को लेकर सतर्क लेकिन तैयार है। माना जा रहा है कि अमेरिका का यह कदम केवल बातचीत तक सीमित नहीं, बल्कि ज़रूरत पड़ने पर कार्रवाई के संकेत भी दे सकता है। जानकार मानते हैं कि इस क्षेत्र में बढ़ती तैनाती एक रणनीतिक संदेश है ‘बात करो, वरना ताक़त देखो’।