हिंदुओं को सता रहे बांग्लादेश की 271 किलोमीटर सीमा पर AA ने कर लिया कब्जा

Edited By Tanuja,Updated: 14 Dec, 2024 12:10 PM

arakan army claims taking control of border with bangladesh

अपने देश में हिंदुओं पर अत्याचार कर रहा बांग्लादेश अब खुद एक नई मुसीबत में घिर गया है।  बांग्लादेश की सीमा से सटे एक बड़े इलाके पर अराकान सेना ने कब्जा कर लिया ....

Dhaka: अपने देश में हिंदुओं पर अत्याचार कर रहा बांग्लादेश अब खुद एक नई मुसीबत में घिर गया है।  बांग्लादेश की सीमा से सटे एक बड़े इलाके पर अराकान सेना ने कब्जा कर लिया है। म्यांमार में सक्रिय एक ताकतवर सशस्त्र जातीय समूह  अराकान आर्मी (AA)  ने यह कब्जा किया है। यह इलाका राखीन राज्य का उत्तरी भाग है, जिसमें  माउंगडॉ नामक रणनीतिक जिला भी शामिल है। इस घटना के बाद बांग्लादेश के साथ 271 किलोमीटर लंबी सीमा पर अराकान आर्मी का पूर्ण नियंत्रण हो गया है। मंगलवार देर रात अराकान आर्मी ने बयान जारी करते हुए कहा कि उन्होंने म्यांमार सेना की आखिरी बची हुई चौकी पर कब्जा कर लिया है। इस चौकी का कमांडर  ब्रिगेडियर जनरल थुरिन तुन  को पकड़ लिया गया है, जब वह युद्ध से भागने की कोशिश कर रहे थे।  


 जून 2023 से शुरू संघर्ष कारण हुआ कब्जा
यह कब्जा  जून 2023  से शुरू हुए संघर्ष का नतीजा है। इससे पहले, इस साल की शुरुआत में अराकान आर्मी ने राखीन राज्य के दो और जिलों पलेतवा और बुथिदांग पर भी कब्जा कर लिया था। इस मामले पर म्यांमार की सैन्य सरकार ने अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। क्षेत्रीय संघर्ष के चलते इंटरनेट और मोबाइल सेवाओं को काट दिया गया है, जिससे माउंगडॉ की स्थिति की स्वतंत्र पुष्टि करना कठिन हो गया है। अराकान आर्मी म्यांमार के राखीन राज्य के बौद्ध राखीन जातीय समूह की सैन्य शाखा है। यह समूह म्यांमार सरकार से अलग एक स्वतंत्र प्रशासन चाहता है। वर्तमान में, अराकान आर्मी ने राखीन राज्य के 17 में से 11 टाउनशिप और पड़ोसी चिन राज्य के एक टाउनशिप पर कब्जा कर लिया है।  अराकान आर्मी के इस कदम ने बांग्लादेश के लिए एक नई चुनौती खड़ी कर दी है। सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच,  कॉक्स बाजार और आसपास के इलाकों में सुरक्षा चिंताओं के चलते  नाफ नदी  पर यातायात रोक दिया गया है। यह नदी बांग्लादेश और म्यांमार के बीच बहती है।

 

 म्यांमार और बांग्लादेश में बढ़ती अस्थिरता 
  म्यांमार में  अराकान आर्मी के बढ़ते प्रभाव से  राखीन और चिन राज्यों में सेना और प्रशासन की पकड़ कमजोर हो गई है। वहीं पहले से ही रोहिंग्या शरणार्थियों के बोझ से जूझ रहे बांग्लादेश को नए शरणार्थियों की संभावित लहर के लिए तैयार रहना होगा। इस कब्जे से रोहिंग्या समुदाय  में डर का माहौल है। राखीन राज्य में बसे रोहिंग्या पहले से ही म्यांमार के बहुसंख्यक बौद्ध समुदाय द्वारा प्रताड़ित हैं। 2017 में इसी क्षेत्र में हुई हिंसा के दौरान 7,40,000 रोहिंग्या  को म्यांमार से भागकर बांग्लादेश में शरण लेनी पड़ी थी। अब, एक बार फिर ऐसी स्थिति बनने की आशंका है, जो बांग्लादेश के लिए एक मानवीय संकट खड़ा कर सकती है।  
 

 कौन हैं अराकान आर्मी?  
अराकान आर्मी, राखीन राज्य के बौद्ध राखीन जातीय समूह की सैन्य शाखा है। यह समूह म्यांमार की केंद्रीय सरकार से अलग होकर एक स्वतंत्र प्रशासन की मांग करता है।  वहीं,  रोहिंग्या को राखीन में घुसपैठिया माना जाता है और उन्हें बांग्लादेश से अवैध प्रवासी के रूप में देखा जाता है। इस समुदाय को म्यांमार में नागरिकता और अन्य बुनियादी अधिकारों से वंचित रखा गया है।  अराकान आर्मी ने टेलीग्राम पर जारी संदेश में कहा कि उन्होंने म्यांमार सेना की पश्चिमी कमान को छोड़कर 30 से अधिक चौकियों पर कब्जा कर लिया है। इनमें से कुछ चौकियां बंगाल की खाड़ी में म्यांमार के क्षेत्रीय जल की सुरक्षा के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हैं।  

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!