Edited By Rahul Rana,Updated: 26 Mar, 2025 03:37 PM

बांग्लादेश में सेना और सरकार के बीच बढ़ती टेंशन, कट्टरपंथियों के बढ़ते प्रभाव और राजनीतिक अस्थिरता के बीच, बांग्लादेश के भविष्य को लेकर सवाल उठ रहे हैं। यह देखना होगा कि सेना की आपात बैठक के बाद सरकार के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं और क्या स्थिति...
नेशनल डेस्क: बांग्लादेश की राजधानी ढाका में सेना की आपात बैठक ने सियासी हलचल मचा दी है। सेना के प्रमुख वकार उज जमान द्वारा सैन्य चौकियों और चौराहों पर तैनाती बढ़ाने के बाद, देश में राजनीतिक स्थिति और भी तनावपूर्ण हो गई है। सूत्रों के मुताबिक, सेना के अधिकारियों ने बैठक में देश की स्थिरता बहाल करने के उपायों पर चर्चा की। यह भी चर्चा की जा रही है कि सेना की सिफारिश पर राष्ट्रपति मुहम्मद यूनुस की सरकार को बर्खास्त कर सकते हैं, और इसके स्थान पर सेना की निगरानी में एक राष्ट्रीय एकता सरकार का गठन हो सकता है।
यूनुस सरकार की स्थिति:
बांग्लादेश में यूनुस सरकार की स्थिति लगातार कमजोर होती जा रही है। सरकार का जनता और राजनीतिक दलों दोनों से विश्वास उठ चुका है। लोगों की आय में गिरावट, सड़कों पर बढ़ते हुए विरोध प्रदर्शन और महिलाओं के खिलाफ अपराधों में इजाफा हो रहा है। इसके अलावा, देश में इस्लामिक कट्टरपंथ के बढ़ते प्रभाव से सरकार की साख को और बड़ा झटका लगा है। मुख्य विपक्षी दल बीएनपी ने तो यूनुस सरकार की नीयत पर भी सवाल उठाए हैं।
सैन्य अधिकारियों की बैठक:
ढाका में सेना की आपात बैठक में शीर्ष सैन्य अधिकारी शामिल हुए थे, जिनमें पांच लेफ्टिनेंट जनरल और आठ मेजर जनरल शामिल थे। बैठक में यह चर्चा की गई कि देश में बढ़ते हुए कट्टरपंथी तत्वों को कैसे नियंत्रित किया जाए। सेनाध्यक्ष वकार उज जमान ने चेतावनी दी है कि इन कट्टरपंथियों से कानून-व्यवस्था के लिए बड़ी चुनौतियां उत्पन्न हो सकती हैं, और इसके लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।
अमेरिकी जनरल का दौरा और यूनुस की चीन यात्रा:
इस बीच, बांग्लादेश के हालात पर चर्चा करने के लिए 24 मार्च को यूएस पैसिफिक कमांड के शीर्ष जनरल जेबी वंविल ढाका पहुंचे हैं। वहीं, बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के मुखिया मुहम्मद यूनुस चीन की बहुप्रतीक्षित यात्रा पर जा रहे हैं।