Edited By Tanuja,Updated: 19 Nov, 2024 01:40 PM
हांगकांग के सबसे बड़े राष्ट्रीय सुरक्षा मामले में कई प्रमुख कार्यकर्ताओं को चीन द्वारा लागू व्यापक सुरक्षा कानून के तहत मंगलवार को 10 साल तक की जेल की सजा सुनाई गई...
International Desk: हांगकांग के सबसे बड़े राष्ट्रीय सुरक्षा मामले में कई प्रमुख कार्यकर्ताओं को चीन द्वारा लागू व्यापक सुरक्षा कानून के तहत मंगलवार को 10 साल तक की जेल की सजा सुनाई गई। हांगकांग में चीन के इस राष्ट्रीय सुरक्षा कानून ने लोकतंत्र समर्थक आंदोलन को कुचल दिया। चीन के 2020 के राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत एक अनाधिकारिक ‘प्राइमरी' के चुनाव में इन कार्यकर्ताओं की भूमिका के लिए 2021 में उन पर मुकदमा चलाया गया था। इन कार्यकर्ताओं पर हांगकांग की सरकार को पंगु बनाने और विधायी बहुमत हासिल कर इसके नेता को इस्तीफा देने के लिए मजबूर करने के प्रयास का आरोप है।
ये भी पढ़ेंः- गाजा में UN द्वारा भेजे राहत सामग्री से भरे 109 ट्रकों की लूट, भोजन की कमी से 20 लाख लोगों की जान खतरे में
इस संबंध में 45 दोषियों को चार साल और दो महीने से लेकर 10 साल तक की जेल की सजा सुनाई गई। कानून विशेषज्ञ बेनी ताई को सबसे लंबी सजा सुनाई गई। आरोपियों ने या तो दोष स्वीकार कर लिया या मामले में सुनवाई के लिए सरकार द्वारा अनुमोदित तीन न्यायाधीशों ने उन्हें साजिश रचने का दोषी पाया। न्यायाधीशों ने फैसले में कहा कि चुनाव के माध्यम से परिवर्तन लाने की कार्यकर्ताओं की योजना सरकार के अधिकार को कमजोर कर देती और इसके कारण संवैधानिक संकट पैदा हो जाता। मूल 47 प्रतिवादियों में से दो को बरी कर दिया गया। ताई ने ‘‘पारस्परिक विनाश के 10 कदम'' का उल्लेख करते हुए एक लेख लिखा था, जिन्हें अनाधिकारिक ‘प्राइमरी' के आयोजक के रूप में देखा जा रहा था।
ये भी पढ़ेंः- G20 समिट में रूसी मीडिया ने यूक्रेन पर बाइडेन का उड़ाया मजाक- "तुम कहां जा रहे हो जो ?" Video किया पोस्ट
ऑनलाइन अपलोड किए गए एक फैसले में न्यायाधीशों ने लिखा कि ताई ने कई महीने तक ऐसे कई लेख प्रकाशित करके अनिवार्य रूप से ‘‘क्रांति की वकालत की'', जो उनकी सोच को दर्शाता है। भले ही अपने बचाव पत्र में ताई ने कहा कि इन कदमों का ‘‘कभी भी किसी राजनीतिक कार्रवाई के रूप में उपयोग करने का उनका इरादा नहीं था।'' कुछ प्रतिवादियों ने दावा किया था कि विधायिका में बहुमत हासिल करने की योजना कभी भी साकार नहीं हो पाती, हालांकि न्यायाधीशों ने इस तर्क को खारिज कर दिया और कहा कि ‘‘सभी प्रतिभागियों ने इसे सफल बनाने के लिए हरसंभव प्रयास किया था।'' न्यायाधीशों ने कहा कि उन प्रतिवादियों की सजा कम कर दी गई है, जिन्होंने कहा था कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि विधायिका में बहुमत हासिल करने और शासन को बाधित करने की योजना गैरकानूनी थी। हालांकि, ताई और एल्विन येउंग के लिए सजा कम नहीं की गई, क्योंकि वे ‘‘योजना के कार्यान्वयन पर जोर देने पर पूरी तरह से अड़े हुए थे।''