Edited By Tanuja,Updated: 29 Nov, 2024 05:09 PM
![australia s under 16 social media ban sparks anger in tech companies](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2024_11image_16_48_379991302socialmediaban-ll.jpg)
ऑस्ट्रेलिया में बच्चों पर सोशल मीडिया बैन कानून को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। इस कानून के तहत 16 साल से कम उम्र के बच्चों के सोशल मीडिया इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने का प्रावधान...
International Desk: ऑस्ट्रेलिया में बच्चों पर सोशल मीडिया बैन कानून को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। इस कानून के तहत 16 साल से कम उम्र के बच्चों के सोशल मीडिया इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने का प्रावधान है। बिल के पास होने से पहले ही टेक कंपनियों, विशेषज्ञों, और मानवाधिकार संगठनों ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है।ऑस्ट्रेलिया का सोशल मीडिया बिल बच्चों की सुरक्षा के लिए अहम कदम हो सकता है, लेकिन इसका विरोध यह दिखाता है कि बिना उचित शोध और परामर्श के इसे लागू करना विवादास्पद हो सकता है।
दुनियाभर के देशों में भी बच्चों की ऑनलाइन सुरक्षा को लेकर प्रयास जारी हैं, लेकिन इन कदमों का संतुलित और प्रभावी होना जरूरी है। टेक कंपनियों का कहना है कि बच्चों के सोशल मीडिया उपयोग को लेकर एक महत्वपूर्ण अध्ययन के नतीजे आने वाले हैं। उनका तर्क है कि बिना इन नतीजों के, इस बिल के प्रभाव और उम्र सीमा को सही तरीके से समझा नहीं जा सकता। कंपनियों का मानना है कि बिल पास करने में जल्दबाजी से ऑस्ट्रेलियाई लोग और उद्योग इसके नतीजों को सही से समझने में असमर्थ होंगे।
मानसिक स्वास्थ्य पर काम करने वाली संस्था रीचआउट ने चेतावनी दी है कि सोशल मीडिया बैन से मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं तक युवाओं की पहुंच बाधित होगी। उनके अनुसार, 73% युवा मानसिक स्वास्थ्य सहायता के लिए सोशल मीडिया का उपयोग करते हैं। एमनेस्टी इंटरनेशनल और ऑस्ट्रेलिया की मानवाधिकार आयुक्त लोरेन फिनले ने भी इस बिल की आलोचना करते हुए इसे बच्चों की स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति के अधिकारों पर हमला बताया है।
इस दिशा में दुनिया के अन्य देशों के कदम
अमेरिका: 1998 में चिल्ड्रन ऑनलाइन प्राइवेसी प्रोटेक्शन एक्ट (COPPA) लागू किया गया, जो 13 साल से कम उम्र के बच्चों से जानकारी इकट्ठा करने के लिए माता-पिता की अनुमति को अनिवार्य बनाता है। 2000 में चिल्ड्रन इंटरनेट प्रोटेक्शन एक्ट (CIPA) के तहत स्कूलों और लाइब्रेरी में इंटरनेट फिल्टर लगाना अनिवार्य किया गया।
ब्रिटेन: ब्रिटिश सरकार 16 साल से कम उम्र के बच्चों के सोशल मीडिया इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रही है। टेक्नोलॉजी सेक्रेटरी पीटर काइल का कहना है कि बच्चों की ऑनलाइन सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जो भी जरूरी होगा, वह करेंगे।
फ्रांस: फ्रांस में 15 साल तक के बच्चों के स्कूलों में मोबाइल फोन पर प्रतिबंध का ट्रायल चल रहा है। इसके अलावा, 15 साल से कम उम्र के बच्चों को सोशल मीडिया इस्तेमाल के लिए माता-पिता की अनुमति लेना अनिवार्य है।
नॉर्वे: हाल ही में नॉर्वे ने घोषणा की है कि सोशल मीडिया उपयोग की उम्र सीमा को 13 से बढ़ाकर 15 साल किया जाएगा।
बता दें कि ऑस्ट्रेलिया में लागू कानून के मुख्य प्रावधान का मकसद है, सोशल मीडिया के नकारात्मक प्रभाव से बच्चों की मानसिक सेहत को सुरक्षित करना। इस कानून में यूट्यूब को स्कूलों में शैक्षिक उद्देश्यों के लिए व्यापक उपयोग के कारण छूट दी गई है। इस कानून के अनुसार टिकटॉक, फेसबुक, स्नैपचैट, रेडिट और एक्स समेत विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म अगर 16 वर्ष से कम आयु के बच्चों को अकाउंट बनाने से रोकने में विफल रहे तो उन पर पांच करोड़ ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (3.3 करोड़ अमेरिकी डॉलर) यानि ₹270 करोड़ तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।