सोशल मीडिया पर समाचारों की बढ़ती संख्या से बोर होने लगे अस्ट्रलियाई लोग, खबरों में दिलचस्पी के लिए बताए टिप्स

Edited By Tanuja,Updated: 17 Jun, 2024 03:38 PM

australians are getting bored with the lots of news on social media

ताजा आंकड़े बताते हैं कि ऑस्ट्रेलिया में बड़ी संख्या में लोग समाचारों से दूर होते जा रहे हैं। अध्ययन में इस तरह के तरीके भी सुझाए गए हैं जिनसे लोग...

कैनबराः ताजा आंकड़े बताते हैं कि ऑस्ट्रेलिया में बड़ी संख्या में लोग समाचारों से दूर होते जा रहे हैं। अध्ययन में इस तरह के तरीके भी सुझाए गए हैं जिनसे लोग फिर से खबरों में दिलचस्पी ले सकते हैं।  नवीनतम डिजिटल समाचार रिपोर्ट के अनुसार ऑस्ट्रेलिया में पांच में से दो लोगों (41 प्रतिशत) का कहना है कि वे इतनी बहुतायत में समाचारों से ऊब गए हैं। 2019 के बाद से इस संख्या में 13 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह समझना मुश्किल नहीं है कि क्यों कि: केवल 2023 में, समाचार विभाजनकारी और परेशान करने वाले विषयों से भरे हुए थे, पश्चिम एशिया में नए युद्धों से लेकर यूक्रेन में जारी संघर्ष, विवादास्पद स्वदेशी जनमत संग्रह और दुनिया भर में होने वाली जलवायु संबंधी आपदाएं। जो लोग समाचारों के लिए सोशल मीडिया का अपने मुख्य स्रोत के रूप में उपयोग करते हैं, वे टेलीविजन पर खबरें सुनने वालों (36 प्रतिशत) की तुलना में अधिक ऊब (47 प्रतिशत) जाते हैं।

PunjabKesari

 सोरा पार्क और कैरोलिन फिशर, यूनिवर्सिटी ऑफ कैनबरा की रिपोर्ट के अनुसार साल 2019 के बाद से, मुख्य रूप से सोशल मीडिया पर समाचार देखने वाले ऑस्ट्रेलियाई लोगों का अनुपात 7 प्रतिशत बढ़ गया है और 18 प्रतिशत से 25 प्रतिशत हो गया है। महिलाओं को समाचार थकाऊ लगने की अधिक संभावना होती है। यह इस बात से भी जुड़ा हो सकता है कि वे आम तौर पर अपनी खबरें कहां से प्राप्त करती हैं। आधुनिक पीढ़ी के 60 प्रतिशत लोग अपने मुख्य समाचार स्रोत के रूप में सोशल मीडिया का उपयोग करते हैं और 28 प्रतिशत विशेष रूप से इन प्लेटफार्म से अपनी खबरें प्राप्त करते हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करते समय समाचार देखने-सुनने वाले लोगों (44 प्रतिशत) में थकान महसूस करने की संभावना उन लोगों (35 प्रतिशत) की तुलना में अधिक होती है जो मुख्य रूप से सीधे समाचार वेबसाइट या ऐप पर जाकर खबरें देखते हैं।

PunjabKesari

ये आंकड़े पुरजोर तरीके से सुझाते हैं कि भीड़भाड़ वाला ऑनलाइन वातावरण, और विशेष रूप से, सोशल मीडिया लोगों को जानकारी की अधिकता से प्रभावित कर सकते हैं और लोगों को इसे संभालना और समझना मुश्किल हो सकता है। एक बात यह भी सामने आई कि जितना अधिक लोग समाचारों से जुड़ते हैं, उतना ही अधिक वे इनका प्रबंधन करने में सक्षम महसूस करते हैं। समाचारों से थकने और ऊबने की एक वजह यह भी है कि अधिकतर लोग ऑनलाइन गलत सूचनाओं का शिकार होते हैं और यह संख्या 61 प्रतिशत है। सोशल मीडिया पर आश्रित रहने वाले लोगों के लिए समाचारों को लेकर उकताने की एक वजह यह भी है कि सूचनाओं का सतत सत्यापन करने के लिए बहुत प्रयास करने होते हैं। साल 2022 से गलत सूचनाओं को लेकर चिंतित रहने वाले ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों की संख्या 11 प्रतिशत तक बढ़ गई है। अब ऑस्ट्रेलिया के हर चार में से तीन नागरिक इसे लेकर चिंता जताते हैं। ऐसे ही लोग समाचारों से लेकर सबसे अधिक थकने की बात करते हैं।

PunjabKesari

समाचार पुराने होना, लोगों की दिलचस्पी वाले नहीं होना या उनके जीवन से जुड़े नहीं होना भी इनके उबाऊ होने की वजहें हो सकती हैं। यह बात भी सामने आई कि समाचारों में महिलाओं की जरूरतों का अपेक्षाकृत उतना ध्यान नहीं रखा जाता। एक स्वस्थ लोकतंत्र का आधार जागरूक नागरिक होते हैं जो समाज में भागीदारी के इच्छुक होते हैं। हालांकि, समाचारों तक पहुंचने के लिए सोशल मीडिया पर बढ़ती निर्भरता के साथ, बड़ी आबादी की चिंताओं पर तभी ध्यान दिया जा सकेगा जब उन्हें उन मुद्दों के बारे में विश्वसनीय समाचार मिलेंगे जिनमें उनकी रुचि है। विश्वसनीय समाचार स्रोतों के बिना, लोगों को समाचार प्राप्त करने की प्रक्रिया सूचनाओं और विषयवस्तु के अनंत समुद्र में श्रमसाध्य लग सकती है। इसलिए, थकान को कम करने के लिए, लोगों को उन समाचारों के बारे में अधिक चयनात्मक होने की आवश्यकता है जिनमें वे अधिक रुचि रखते हैं, वहीं समाचार संस्थानों को समुदाय के वंचित वर्गों के लिए सामग्री उपलब्ध करानी होगी। 

 

Related Story

    Trending Topics

    Afghanistan

    134/10

    20.0

    India

    181/8

    20.0

    India win by 47 runs

    RR 6.70
    img title
    img title

    Be on the top of everything happening around the world.

    Try Premium Service.

    Subscribe Now!