Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 05 Jan, 2025 08:32 PM
यह निर्णय बांग्लादेश के लिए एक बड़ा बदलाव है, जो पहले भारत से न्यायिक प्रशिक्षण के लिए अपने जजों को भेजने पर विचार कर रहा था। अब दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव के कारण यह कार्यक्रम रद्द हो गया है, जिससे भविष्य में अन्य ऐसे सहयोगों पर भी असर पड़ सकता...
इंटरनेशनल डेस्क: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने भारत में आयोजित होने वाली न्यायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम को रद्द कर दिया है। यह निर्णय बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के तहत लिया गया। इसके तहत 50 बांग्लादेशी जजों को मध्य प्रदेश में राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी और राज्य न्यायिक अकादमी में 10 फरवरी को आयोजित एक दिवसीय प्रशिक्षण में भाग लेना था।
भारत से बढ़ते तनाव के बीच लिया गया यह कदम
रद्दीकरण आदेश बांग्लादेश संगबाद द्वारा रिपोर्ट किए जाने के बाद आया। बांग्लादेश सरकार ने अपने प्रवक्ता के माध्यम से जानकारी दी कि ट्रेनिंग कार्यक्रम के लिए दी गई अधिसूचना को रद्द कर दिया गया है, लेकिन विस्तृत जानकारी नहीं दी गई। यह कार्यक्रम बांग्लादेशी न्यायाधीशों और न्यायिक अधिकारियों के लिए था, जिसमें जिला और सत्र न्यायाधीश से लेकर सहायक न्यायाधीश तक शामिल थे। भारत सरकार को इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के सभी खर्चों को उठाना था।
भारत-बांग्लादेश संबंधों में बढ़ी तल्खी
भारत और बांग्लादेश के रिश्तों में हाल ही में तनाव बढ़ा है, विशेष रूप से जब बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ छात्र आंदोलन हुआ था। इसके बाद, बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ कई हमले हुए हैं, जिससे भारत ने अपनी चिंता जताई थी। पिछले महीने, एक हिंदू भिक्षु को राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया, और जेल में डालने के बाद भारत ने इसे लेकर ढाका से चिंता व्यक्त की थी।