Edited By rajesh kumar,Updated: 07 Jan, 2025 09:27 PM
ब्रिटिश ब्रॉड कास्टिंग कार्पोरेशन के एक सेलिब्रिटी जिमी सैविल द्वारा बी.सी.सी. में कार्यरत रहने के दौरान 1960 से लेकर 2000 तक लगभग 40 साल सैंकड़ों बच्चों का यौन शोषण किया गया।
इंटरनेशनल डेस्क: ब्रिटिश ब्रॉड कास्टिंग कार्पोरेशन के एक सेलिब्रिटी जिमी सैविल द्वारा बी.सी.सी. में कार्यरत रहने के दौरान 1960 से लेकर 2000 तक लगभग 40 साल सैंकड़ों बच्चों का यौन शोषण किया गया। इस मामले में यू.के. की पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी तमाशा देखती रही और यौन शोषण के पीड़ित बच्चों को न्याय नहीं मिल सका। आरोपी जिमी सैविल की 2012 में मौत हो चुकी है लेकिन अब टेस्ला के सी.ई.ओ. एलन मस्क ने इसे बड़ा मुद्दा बना दिया है। मस्क ने बाकायदा इस मामले को लेकर यू.के. के प्रधानमंत्री कीर स्टॉर्मर के खिलाफ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर मुहिम छेड़ दी है।
क्या था मामला?
जिमी सैविल एक ब्रिटिश टैलीविजन प्रस्तुतकर्त्ता और मशहूर सार्वजनिक व्यक्ति था, जो 1970 और 1980 के दशकों में ब्रिटेन में बहुत लोकप्रिय था। वह बी.बी.सी. के प्रमुख शो जैसे 'टॉप ऑफ द पोप्स' और 'जिम विल फिक्स इट' के होस्ट के रूप में प्रसिद्ध हुआ। सैविल ने अपने करियर में कई पुरस्कार भी जीते और उसका सार्वजनिक जीवन काफी सम्मानजनक था। हालांकि उसकी मौत के बाद 2011 में एक बड़ा खुलासा हुआ। यह सामने आया कि जिमी सैविल दशकों तक बाल यौन शोषण करता रहा था। उसके ये अपराध बी.बी.सी. के स्टूडियो, अस्पतालों और देखभाल घरों में हुए थे।
कोई भी खुलकर सामने बोलने की हिम्मत नहीं जुटा सका
सैविल के खिलाफ कई आरोप थे, लेकिन बी.बी.सी. और अन्य संस्थाओं ने इन आरोपों को नजरअंदाज किया और उसका बचाव किया। उसका यह अपराध लंबे समय तक जारी रहा क्योंकि कई लोग सैविल के प्रभाव और प्रतिष्ठा से डरते थे, और कोई भी खुलकर उसके खिलाफ बोलने की हिम्मत नहीं जुटा सका।
किस किस ने की जांच ?
जब 2011 में जिमी सैविल की मृत्यु के बाद उसके खिलाफ गंभीर आरोप सामने आए, तब ब्रिटिश पुलिस ने मामले की जांच शुरू की।
ऑपरेशन यूट्टी
यह जांच 2012 में लंदन मैट्रोपोलिटन पुलिस ने शुरू की थी। इस ऑप्रेशन का उद्देश्य सैविल के यौन शोषण मामलों की जांच करना और यह पता लगाना था कि कितने और लोग उसका शिकार बने थे। जांच में यह पाया गया कि सैविल ने 1960 से लेकर 2000 तक सैंकड़ों बच्चों और युवाओं का यौन शोषण किया था।
विशेष जांचकर्ताओं की टीम
ऑप्रेशन यूट्री के तहत एक विशेष टीम बनाई गई, जिसने सैविल के अपराधों की गहन जांच की और उसकी शिकार बनी महिलाओं और बच्चों के बयान लिए। इस जांच में पुलिस ने पाया कि सैविल का अपराध बहुत व्यापक था और उन्होंने कई दशकों तक अपना अपराध जारी रखा। जांच में 214 अपराधों की पुष्टि हुई और कई अपराधियों को सजा दी गई। बी.बी.सी. और अन्य संस्थानों की आलोचना हुई कि उन्होंने समय रहते इन अपराधों को रोकने के प्रयास नहीं किए।
द न्यूज ऑफ द वर्ल्ड
2011 में ब्रिटिश टैबलॉयड अखबार 'द न्यूज ऑफ द वर्ल्ड' ने इस मामले पर एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसमें सैविल के खिलाफ आरोपों की शुरुआत की गई थी। इस रिपोर्ट में कई लोगों ने सैविल के खिलाफ बयान दिए थे, लेकिन उस समय कई लोगों ने सैविल की प्रसिद्धि और प्रभाव को देखते हुए इन आरोपों को नजरअंदाज किया था। बीबीसी जांचः बी.बी.सी. ने भी इस मामले पर अपनी आंतरिक जांच की, क्योंकि सैविल लंबे समय तक बी.बी.सी. का हिस्सा था। हालांकि, बी.बी.सी. ने बाद में माना कि उसने कई बार सैविल के खिलाफ आरोपों को नजरअंदाज किया था और उसके अपराधों पर पर्दा डाला था।
यू.के. की संसद में पेश हुई रिपोर्ट
जिमी सैविल के मामले की रिपोर्ट ब्रिटेन की संसद में 2013 में पेश की गई थी। यह रिपोर्ट मुख्य रूप से' नैशनल हैल्थ सर्विस' और 'बी. बी. सी. 'द्वारा सैविल के अपराधों को नजरअंदाज करने और उसे शरण देने के बारे में थी। इस रिपोर्ट को 'द डेम जेनेट स्मिथ रिव्यू' और 'द पोलार्ड रिव्यू' के नाम से जाना जाता है। इस रिपोर्ट में यह निष्कर्ष निकाला गया कि सैविल के अपराधों के दौरान कई संस्थाएं, जैसे बी.बी. सी. और नैशनल हैल्थ सर्विस, उसकी गलतियों और अपराधों को नजरअंदाज कर रही थीं। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि सैविल के शोषण के पीड़ितों की सहायता करने के लिए एक स्वतंत्र और प्रभावी प्रणाली की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसे अपराधों को रोका जा सके।
हालांकि, डेम जेनेट स्मिथ की समीक्षा रिपोर्ट में इस बात का कोई ठोस सबूत नहीं मिला कि बी.बी.सी. ने जांच रिपोर्ट को प्रभावित किया। 2016 में प्रकाशित समीक्षा रिपोर्ट ने पाया गया कि जिमी सैविल ने बी.बी.सी. के प्रभाव का उपयोग करके अपने अपराधों को छिपाया। रिपोर्ट में स्वीकार किया गया कि बी.बी.सी. में कई लोग सैविल के व्यवहार के बारे में जानते थे, लेकिन उन्होंने इसे नजरअंदाज किया। बी.बी.सी. की कार्य संस्कृति को 'सहयोगात्मक और खुलासों के प्रति असंवेदनशील' कहा गया। इसके बाद बी.बी.सी. ने अपनी विफलताओं को स्वीकार करते हुए सार्वजनिक रूप से माफी मांगी। संस्था ने सुधारात्मक कदम उठाने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए अपनी नीतियों को सख्त बनाने का वादा किया।
एलन मस्क ने कीर स्टॉर्मर को बताया 'नैशनल शेम', इस्तीफे की मांग की
अरबपति एलन मस्क ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और उनके इस्तीफे की मांग की है। एलन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में ब्रिटिश प्रधानमंत्री को 'नैशनल शेम' कहा। ये टिप्पणियां 2008 से 2013 तक सार्वजनिक अभियोजन निदेशक (डी.पी.पी.) के रूप में अपने समय के दौरान बनाए गए गिरोहों से निपटने के स्टॉर्मर की मस्क द्वारा बार-बार आलोचना के बाद आई हैं।
पोस्ट की एक सीरीज में मस्क ने स्टॉर्मर पर 'जबर जनाह गिरोह' को न्याय के कटघरे में लाने में विफल रहने का आरोप लगाया। विशेष रूप से पाकिस्तानी मुस्लिम ग्रूमिंग गिरोहों को लक्षित किया गया जो युवा लड़कियों का शोषण करते थे। मस्क की टिप्पणियों ने इस मुद्दे पर लोगों का ध्यान खींचा है। हालांकि, स्वास्थ्य सचिव वेस स्ट्रीटिंग ने मस्क की आलोचना को 'झूठा और निश्चित रूप से गलत सूचना' कहा।
मस्क ने कथित मिलीभगत के लिए स्टार्मर सरकार की भी आलोचना की और लेबर पार्टी की भारी जीत के बावजूद जुलाई, 2024 में नए चुनाव का आह्वान किया। इन सबके बीच, पोलस्टर ल्यूक ट्रायल सहित आलोचकों ने तर्क दिया है कि ब्रिटिश राजनीति के खिलाफ टिप्पणी करने वाले मस्क की ब्रिटिश राजनीति पर कोई पकड़ नहीं है। एलन मस्क ने महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा की रोकथाम के लिए मंत्री जेस फिलिप्स पर भी हमला किया, उन्होंने सुझाव दिया कि ओल्डम घोटाले की राष्ट्रीय जांच का विरोध करने के लिए वह 'जेल में रहने लायक हैं'। मस्क ने विवादास्पद टॉमी रॉबिन्सन का समर्थन किया, जो वर्तमान में अदालत की अवमानना के लिए जेल की सजा काट रहा है। उन्होंने रॉबिन्सन का समर्थन किया और जेल से उनकी रिहाई की मांग की।
यू.के. की राजनीति में मस्क की भागीदारी ने एक नया मोड़ ले लिया जब उन्होंने एक्स पर रिफॉर्म यू.के. नेता निगेल फराज की आलोचना की और उनसे पद छोड़ने का आग्रह किया। मस्क ने कहा, "फ्रीज वह नहीं कर रहा जो वह कर रहा है" और सुझाव दिया कि पार्टी को एक नए नेता की जरूरत है। ब्रिटिश राजनीति में मस्क की बढ़ती भागीदारी ने एक बड़ी बहस छेड़ दी है। कुछ आलोचकों ने उन पर पूरे यूरोप में धुर दक्षिणपंथी आंदोलनों का समर्थन करने का आरोप लगाया है।
एलन मस्क के सर्वे स्टॉर्मर पर भड़के लोग
इन सभी घटनाक्रमों के बाद, टेस्ला के संस्थापक और अरबपति एलन मस्क ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक सर्वेक्षण शुरू किया है, जिसमें उन्होंने शीर्षक दिया है कि अमरीका को ब्रिटेन के लोगों को अपनी अत्याचारी सरकार से मुक्त करना चाहिए। आपको बता दें कि इस सर्वे को लाखों लोग सही कह रहे हैं। इस सर्वे पर खबर लिखे जाने तक करीब 5 लाख लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी। इसमें से 64 प्रतिशत ने इस बात का समर्थन किया कि अमरीका को ब्रिटिश लोगों का साथ देना चाहिए।