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चीन में खाद्य संकट गहराया ! रेस्टोरेंट्स बंद; लोग बासी के लिए भी तरसे, 'मिस्ट्री बॉक्स' बने सहारा

Edited By Tanuja,Updated: 06 Feb, 2025 07:05 PM

beijing and shanghai residents scramble for leftover food as economy falters

चीन की बिगड़ती आर्थिक स्थिति और नागरिकों की घटती वित्तीय संसाधनों के बीच, बचे हुए खाने की "मिस्ट्री बॉक्स" का चलन तेजी से बढ़ रहा है, खासकर युवा वर्ग के बीच। यह ट्रेंड डेनमार्क से शुरू हुआ था, जहां "Too Good to Go" ऐप...

Bejing: चीन की बिगड़ती आर्थिक स्थिति और नागरिकों की घटती वित्तीय संसाधनों के बीच, बचे हुए खाने की "मिस्ट्री बॉक्स" का चलन तेजी से बढ़ रहा है, खासकर युवा वर्ग के बीच। यह ट्रेंड डेनमार्क से शुरू हुआ था, जहां "Too Good to Go" ऐप का उपयोग किया गया था, जिसमें बेचे न गए खाने को पैक कर दिया जाता था ताकि उसे बर्बाद होने से बचाया जा सके और ग्राहकों को सस्ते में खाना मिल सके। अब यह ट्रेंड पश्चिमी देशों में लोकप्रिय हो चुका था और अब चीन में भी इसके पैर जमाने शुरू हो गए हैं। यह ट्रेंड चीन के बढ़ते आर्थिक संकट और वहां के नागरिकों के बढ़ते वित्तीय संघर्ष को साफ दर्शाता है।चीन में सेकंडहैंड रेस्टोरेंट उपकरण बेचने वाले डीलर्स, जिन्हें उद्योग के "अंत्येष्टि" के रूप में जाना जाता है, बाजार की वास्तविक स्थिति को साफ तौर पर दर्शाते हैं। 2023 में रेस्टोरेंट बंद होने की दर 2022 के मुकाबले 2.7 गुना बढ़ गई है। इस स्थिति का कारण कई रेस्टोरेंट्स का बंद होना और उपभोक्ता खर्च में भारी कमी है। 

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 शंघाई में "मिस्ट्री बॉक्स" की शुरुआत 
हाल ही में शंघाई के एक सामुदायिक कैफेटेरिया ने केवल 10 युआन (लगभग $1.40) में "मिस्ट्री बॉक्स" की शुरुआत की। इन बॉक्सों में उस दिन तैयार किए गए, लेकिन बेचे न गए खाने की सामग्रियां जैसे लहसुन के अंकुर, आलू, और करी चिकन के टुकड़े शामिल होते हैं। यह बॉक्स खाने की बर्बादी को कम करने और जरूरतमंद लोगों को सस्ता खाना प्रदान करने के उद्देश्य से तैयार किए जाते हैं। हालांकि, यह बॉक्स सीमित संख्या में होते हैं और देर से आने वाले ग्राहक अक्सर इन्हें नहीं पा पाते हैं। इस पहल ने शंघाई में ग्राहकों के बीच भारी लोकप्रियता हासिल की है, क्योंकि ये बॉक्स आमतौर पर बहुत सस्ते होते हैं और लोग इन्हें बचाए गए खाने का इस्तेमाल रात के खाने के लिए भी करते हैं। कैफेटेरिया का कहना है कि इस पहल ने न केवल खाद्य बर्बादी को कम किया है, बल्कि किचन के कचरे को भी घटाया है और इसे व्यापक प्रशंसा भी मिली है। हालांकि, इन्हें पाने के लिए जल्दी आना जरूरी होता है, क्योंकि इनकी संख्या सीमित रहती है। यह पहल अब चीन के अन्य हिस्सों में भी तेजी से फैल रही है, जो इस बात का संकेत है कि वहां के नागरिक अपनी ज़िंदगी की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए सस्ते विकल्प की ओर बढ़ रहे हैं।

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चीन में बिगड़ते आर्थिक हालात 
चीन के आर्थिक संकट को लेकर कई नीतियां लागू की गईं हैं, जो नागरिकों को लगातार सस्ते खाने की तलाश में धकेल रही हैं। चीनी सरकार की नीतियों के कारण जीवन यापन की लागत में वृद्धि हुई है और उपभोक्ताओं की खरीद क्षमता घट रही है। चीनी सरकार की नीतियों को लेकर आलोचनाएं भी उठ रही हैं, क्योंकि इसके कारण नागरिकों को अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है।  मिस्ट्री बॉक्स की बढ़ती मांग चीन में उपभोक्ताओं की बदलती प्राथमिकताओं और गिरती हुई खरीद क्षमता का स्पष्ट संकेत है। यह सिर्फ एक ट्रेंड नहीं, बल्कि चीन के आर्थिक संकट का परिणाम है, जहां लोग अपनी जीवनशैली को बनाये रखने के लिए बचाए हुए खाने का सहारा ले रहे हैं।

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होटल और बुफे वाउचर का बढ़ता चलन 
चीन के अन्य शहरों, जैसे शेन्ज़ेन में, एक सीफूड बुफे का खर्च सामान्यतः 200 युआन (लगभग $27) होता है। लेकिन हाल ही में, कुछ पांच सितारा होटलों ने 'मिस्ट्री बॉक्स' बुफे वाउचर पेश किए हैं, जो केवल 79 युआन में उपलब्ध हैं। इन वाउचरों के साथ ग्राहक बुफे का आनंद लेते हैं, जिसमें भोजन की लागत सामान्य बुफे की कीमत से आधी या उससे भी कम होती है। इसके अलावा, कुछ होटलों ने सस्ते ब्रेकफास्ट बुफे भी पेश किए हैं, जिनकी कीमत 9.9 युआन प्रति विज़िट रखी गई है। इस प्रकार के सस्ते विकल्प उपभोक्ताओं की बदलती आदतों और बढ़ते वित्तीय संकट को दर्शाते हैं, जबकि यह भी बताता है कि होटल और अन्य भोजन सेवाएं अपनी बचत के लिए नए तरीके अपना रही हैं। जैसे-जैसे ग्राहक खर्च करने में कमी कर रहे हैं, व्यवसाय इस बदलते माहौल में खुद को ढालने के लिए विविध तरीके अपना रहे हैं।

 
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रेस्टोरेंट्स की बंदी और संकट 
चीन में रेस्टोरेंट्स का बंद होना एक आम बात हो गई है। 2024 के पहले 10 महीनों में, लगभग 1.05 मिलियन रेस्टोरेंट बंद हो गए हैं, जो पिछले साल के मुकाबले अधिक है। इसके अलावा, कई प्रतिष्ठित रेस्टोरेंट और उच्च गुणवत्ता वाले भोजनालयों ने भी अपना कारोबार बंद कर दिया है। इस संकट का कारण ग्राहकों की घटती संख्या और उपभोक्ता खर्च में गिरावट है। रेस्टोरेंट मालिकों का कहना है कि इस समय को देखते हुए "कम दुकानें खोलना" और "लाभहीन स्थानों को बंद करना" जैसे उपायों का पालन करना पड़ता है। 2024 की पहली छमाही में, कई रेस्टोरेंट्स ने अपने कारोबार को घटा दिया, और कई जगहों पर शुक्रवार की रात को भी एक भी ग्राहक नहीं आया। एक रेस्टोरेंट मालिक ने कहा, "इस स्थिति में हमें खुद को बचाए रखने के लिए नए तरीके अपनाने पड़ते हैं। हमारे पास तो बमुश्किल डिलीवरी आर्डर आए, और उससे रेंट भी कवर नहीं हो पाया।"

  

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