Edited By Tanuja,Updated: 12 Mar, 2025 04:14 PM

पाकिस्तान के बलूचिस्तान में हाईजैक की गई जाफर एक्सप्रेस पर तनाव चरम पर है। बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने 182 बंधकों को पकड़ रखा है और अब पाकिस्तानी सेना को ...
Islamabad: पाकिस्तान के बलूचिस्तान में हाईजैक की गई जाफर एक्सप्रेस पर तनाव चरम पर है। बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने 182 बंधकों को पकड़ रखा है और अब पाकिस्तानी सेना को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। BLA ने साफ कहा है कि अगर सेना ने ड्रोन हमले जारी रखे या कोई सैन्य कार्रवाई की, तो हर गोली के बदले 10 बंधकों को मौत के घाट उतार दिया जाएगा। BLA के प्रवक्ता जीयंद बलूच ने अपने ताजा बयान में कहा,"पाकिस्तानी सेना ने गैरजिम्मेदाराना हरकत करते हुए ड्रोन हमले किए हैं। यह साफ दिखाता है कि वे कैदियों की अदला-बदली को लेकर गंभीर नहीं हैं। अगर हमारी मांगें नहीं मानी गईं, तो पाकिस्तान को इसका अंजाम भुगतना होगा।"
कैसे हाईजैक हुई ट्रेन?
यह घटना मंगलवार सुबह हुई जब क्वेटा से पेशावर जा रही जाफर एक्सप्रेस बलूचिस्तान के बोलान इलाके में पहुंची। जैसे ही ट्रेन माशफाक टनल के पास धीमी हुई, पहले से घात लगाए बैठे BLA लड़ाकों ने टनल नंबर 8 को विस्फोट कर उड़ा दिया, जिससे ट्रेन बेपटरी हो गई। इसके तुरंत बाद लड़ाकों ने ट्रेन पर कब्जा कर लिया और सैकड़ों यात्रियों को बंधक बना लिया।
BLA की मांगें और धमकी
BLA ने पाकिस्तान सरकार को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है और कहा कि अगर उनकी मांगों पर अमल नहीं हुआ, तो सभी बंधकों को मार दिया जाएगा। प्रवक्ता ने कहा,"अगर पाक सेना हमारी चेतावनी को नजरअंदाज करती है, तो 10 और बंधकों को मार दिया जाएगा। अगर गोलीबारी जारी रही, तो हर गोली के जवाब में 10 बंधक मारे जाएंगे।"
पाकिस्तानी सेना की नाकामी
पाकिस्तानी सेना ने बंधकों को छुड़ाने के लिए जमीनी और हवाई ऑपरेशन शुरू किया, लेकिन BLA के लड़ाकों ने जबरदस्त प्रतिरोध किया। पाकिस्तानी ग्राउंड फोर्स को पीछे हटने के लिए मजबूर होना पड़ा, और वे अब तक ट्रेन पर दोबारा नियंत्रण पाने में नाकाम रहे हैं।
घटना का असर
यह हमला पाकिस्तान के लिए एक बड़ी सुरक्षा चुनौती बन गया है। बलूच अलगाववादी लंबे समय से पाकिस्तानी सेना और सरकारी प्रतिष्ठानों को निशाना बना रहे हैं, लेकिन यह पहला मौका है जब इतनी बड़ी संख्या में लोगों को बंधक बनाया गया है।अगर पाकिस्तान सरकार जल्द समाधान नहीं निकालती, तो यह संकट और गहरा सकता है। पाकिस्तान के लिए अब यह तय करना मुश्किल हो गया है कि वह फोर्स का इस्तेमाल करे या बातचीत के रास्ते तलाशे।