Edited By Tanuja,Updated: 12 Mar, 2020 12:35 PM
अमेरिका का एक दृष्टिहीन यानि ब्लाइंड किशोर वैज्ञानिकों के लिए चुनौती बना हुआ है। 18 साल का मैथ्यू व्हिटेकर जन्म से दृष्टिहीन है...
न्यूयार्कः अमेरिका का एक दृष्टिहीन यानि ब्लाइंड किशोर वैज्ञानिकों के लिए चुनौती बना हुआ है। 18 साल का मैथ्यू व्हिटेकर जन्म से दृष्टिहीन है व दो साल की उम्र से पियानो बजा रहा है। मैथ्यू ज कुछ भी सुनकर कोई भी वाद्ययंत्र बगैर देखे बजा लेता है। वह खुद गीत लिखता है और स्वरबद्धभी करता है। वह कैनेडी सेंटर सहित कई मशहूर स्थानों पर परफॉर्म कर अवॉर्ड जीत चुका है व उसका कलेक्शन बहुत ही उम्दा किस्म का हैं। मेथ्यूका दिमाग सांइंटिस्ट्स के लिए चुनौती बन चुका है। मैथ्यू के टैलेंट को देखकर वैज्ञानिक और न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. चार्ल्स लिंब आश्चर्य में पड़ गए।
वे सोचने लगे कि इसके दिमाग में ऐसा क्या है, जिससे वह दृष्टिहीन होकर भी इस तरह परफॉर्म कर लेता है, जिसे करने के लिए देख सकने वाले व्यक्ति को भी परेशानी होगी। डॉ. लिंब ने मैथ्यू के परिजन से परमीशन लेकर उसकी दो बार एमआरआई की। साथ ही उसके दिमाग की रीडिंग, मॉनीटरिंग शुरू कर दी। डॉ. लिंब आश्चर्यचकित थे कि हमारे ब्रेन का वह पार्ट जो देखकर अध्ययन करता है, मैथ्यू के ब्रेन में वह पार्ट तब सक्रिय हो जाता है, जब वह म्यूजिक सुनता है (विजुअल कार्टेक्स वह पार्ट होता है जो देखने वाली सारी इन्फॉर्मेशन प्रोसेस करता है। यानी कि सामान्य मनुष्य में देखकर इन्फॉर्मेशन प्रोसेस करने वाला दिमाग का हिस्सा, म्यूजिक समझने के लिए काम कर रहा है।
जिस म्यूजिकल नोट के लिए 5 लोग चाहिए, मैथ्यू वह अकेला कर लेता है न्यूयॉर्क में दृष्टिहीन बच्चों के म्यूजिक स्कूल एम.डी.एगोस्टीनो ग्रीनबर्ग की निदेशक दालिया सकास ने बताया कि मैथ्यू जब पांच साल का था तब वह मां के साथ यहां आया था। उस रात वे कुछ परफॉर्म कर रही थीं, जिसमें पांच लोग मिलकर वाद्य बजाते हैं। अगले दिन सुबह मैंने देखा कि मैथ्यू अकेला उस म्यूजिकल नोट पार्ट पर परफॉर्म कर रहा था। सिर्फ एक बार सुनकर उसने इतना मुश्किल काम अकेले किया।
उसके बाद वह इस स्कूल का सबसे कम उम्र का छात्र बन गया। मैथ्यू के परिजन ने बताया कि जन्म के बाद उसके बचने के 50 परसेंट चांस थे। दो साल का होने तक उसकी 11 मेजर सर्जरी हो चुकी थी। थोड़ा स्वस्थ हुआ तो उसने टैलेंट दिखाना शुरू किया और पियानो बजाने लगा। तीन साल का हुआ तो दोनों हाथों से पियानो प्ले करने वाला पहला बच्चा बन चुका था।