शेख हसीना के "अपनों" ने डुबोई उनकी नैया, तख्तापलट की अंदरूनी कहानी जानकर दुनिया हैरान

Edited By Tanuja,Updated: 20 Aug, 2024 05:08 PM

bnp cia planning bangladesh sheikh hasina ouster

बांग्लादेश में शेख हसीना की नैया डुबोने में उनके  "अपनों" की साजिश का पर्दाफाश हुआ है। एक  खुफिया रिपोर्ट के अनुसार हसीना के तख्तापलट के...

Dhaka:  बांग्लादेश में शेख हसीना की नैया डुबोने में उनके  "अपनों" की साजिश का पर्दाफाश हुआ है। एक  खुफिया रिपोर्ट के अनुसार हसीना के तख्तापलट के पीछे उनकेकरीबी मंत्रियों और अधिकारियों की बड़ी भूमिका सामने आई है।   रिपोर्ट के अनुसार, कानून मंत्री, लॉ सेक्रेटरी, बैंक ऑफ बांग्लादेश के गवर्नर, IT मंत्री और खुफिया ब्रांच के हेड के गलत फैसलों ने ठंडे पड़ते हुए प्रदर्शन को फिर से भड़काने में अहम भूमिका निभाई। रिपोर्ट में कहा गया है कि बिना अनुमति के मोबाइल इंटरनेट सेवा बहाल करना और छात्रों से जबरन पूछताछ करना हसीना सरकार के लिए भारी साबित हुआ।

PunjabKesari

डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ फोर्स इंटेलिजेंस (DGFI ) की जानकारी के मुताबिक, कुछ मंत्री और अधिकारी हसीना के प्रति वफादार नहीं थे और तख्तापलट की साजिश में शामिल थे। शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद, 5 अगस्त को प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री आवास में घुसकर लूटपाट की। 15-20 जुलाई के बीच सेना और पुलिस ने आंदोलन को काबू में कर लिया था, लेकिन 28 जुलाई को IT मंत्री द्वारा बिना अनुमति इंटरनेट सेवा बहाल करने से आंदोलन फिर से भड़क उठा। आरक्षण विरोधी प्रदर्शनों में 11 हजार से अधिक छात्रों को गिरफ्तार किया गया था।


तख्तापलट की अंदरूनी कहानी 
तख्तापलट की जो अंदरूनी कहानी सामने आई है उसे जानकर दुनिया हैरान है। 28 जुलाई की सुबह 10 बजे, बांग्लादेश के प्रधानमंत्री ऑफिस (PMO) के प्रिंसिपल सेक्रेटरी तफज्जुल हुसैन मियां और बैंक ऑफ बांग्लादेश के गवर्नर अब्दुर रउफ तालुकदार के बीच एक अहम बातचीत हुई। इस बातचीत में रउफ ने तफज्जुल पर मोबाइल इंटरनेट सेवा को जल्द से जल्द बहाल करने का दबाव बनाया। रउफ ने बताया कि इंटरनेट बंद होने के कारण बैंक में लेन-देन काफी घट गया है। जहां रोज़ाना 10 करोड़ डॉलर से अधिक का लेन-देन होता था, वहीं पिछले छह दिनों में सिर्फ 7.8 करोड़ डॉलर का ही लेन-देन हुआ। तफज्जुल ने इस बात को गंभीरता से लेते हुए तत्कालीन टेलिकॉम और IT के राज्य मंत्री जुनैद अहमद पलक से संपर्क किया।

PunjabKesari

जुनैद अहमद पलक ने बातचीत में कहा कि वह मोबाइल इंटरनेट सेवा बहाल करने के लिए प्रधानमंत्री शेख हसीना की अनुमति का इंतजार नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें PM के सलाहकार से संकेत मिल चुका है और वह जल्द ही इंटरनेट सेवा शुरू करेंगे, हालांकि फेसबुक और टिकटॉक जैसी सोशल मीडिया साइट्स बंद रहेंगी। पलक ने कहा कि 10 दिन से मोबाइल इंटरनेट बंद है और उन्हें लगता है कि आज किसी भी हालत में इसे चालू करना चाहिए, भले ही PM की अनुमति न मिली हो। उसी दिन की दोपहर 1:19 बजे, हसीना सरकार में लॉ सेक्रेटरी गोलाम सरवर और खुफिया ब्रांच के प्रमुख हारून रसीद के बीच भी एक बातचीत हुई। हारून ने सरवर पर लगातार रिमांड के लिए दबाव डाला, ताकि गिरफ्तार किए गए छात्र नेताओं से कड़ी पूछताछ की जा सके।

 

हारून ने जोर दिया कि बिना पूछताछ के वे छात्रों से सही उत्तर नहीं निकाल पाएंगे और इसके लिए उन्हें रिमांड की जरूरत है। 28 जुलाई को 10:43 बजे, 6 छात्र नेताओं की गिरफ्तारी के अगले दिन, कानून मंत्री अनिशुल हक और PMO के प्रिंसिपल सेक्रेटरी तफज्जुल के बीच बातचीत हुई। अनिशुल हक ने स्पष्ट किया कि उन्हें इन गिरफ्तार छात्रों को सेफ हाउस में रखने की सलाह दी गई है। उन्होंने गृह मंत्री से बात करने का सुझाव दिया ताकि इन छात्रों को सुरक्षित तरीके से रखा जा सके।

PunjabKesari

इस बीच, बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के नेता खालिदा जिया के सलाहकार अब्दुल हाय सिकदार और जमाल सिद्दीकी के बीच भी एक महत्वपूर्ण बातचीत हुई, जिसमें उन्होंने माना कि शेख हसीना का सत्ता से बाहर होना निश्चित था। उन्होंने आशंका जताई कि सत्ता सेना के हाथों में आ सकती है। उसी दिन विपक्षी दल रिवोल्युशनरी वर्कर्स पार्टी के महासचिव सैफुल हक ने पत्रकार इमरान हसन मजुमदार से बातचीत में बताया कि विपक्षी दलों के बीच हसीना सरकार को गिराने पर सहमति बन चुकी है और सरकार विरोधी सारी ताकतें एक साथ आ गई हैं।

 

प्रदर्शनकारियों का गुस्सा और तख्तापलट की तैयारियां
27 जुलाई की दोपहर 1:54 बजे, जब प्रदर्शन अपने चरम पर था, अब्दुल हाय सिकदार ने कहा कि इतने सारे छात्रों की मौत के बाद सरकार के लिए सत्ता में बने रहना मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने कहा कि शेख हसीना और उनका परिवार जल्द ही देश छोड़कर भाग जाएगा और सत्ता सेना के हाथों में आ सकती है।इसी बीच, 5 अगस्त 2024 को, जब शेख हसीना ने देश छोड़ा, आंदोलनकारी छात्र प्रधानमंत्री आवास में घुस गए और जमकर लूटपाट की। ढाका से लेकर जसोर जिले तक जश्न का माहौल था। जनता ने जश्न मनाया, लेकिन कई जगहों पर हिंसा भी भड़क उठी। जसोर जिले में जाबिर होटल में लगी आग में फंसे लोगों में से एक काजिम की बहन बिथी ने बताया कि उसके भाई की जली हुई लाश अगले दिन होटल से मिली। इस तख्तापलट की कहानी 16 महीने पहले लिखी गई थी, जब छात्रों के आंदोलन में पाकिस्तानी एजेंट घुसपैठ कर चुके थे। भारतीय खुफिया एजेंसी को भी इसके संकेत मिले थे, जिससे वे लगातार बांग्लादेश के घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए थे।

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!