Edited By Tanuja,Updated: 26 Aug, 2024 03:25 PM
ब्रिटेन के आसमान में रविवार को सुबह-सुबह जहरीली और अम्लीय गैस के बादल छाने के बाद नागरिकों को हैल्थ वार्निंग जारी की गई और उन्हें घर के
London: ब्रिटेन के आसमान में रविवार को सुबह-सुबह जहरीली और अम्लीय गैस के बादल छाने के बाद नागरिकों को हैल्थ वार्निंग जारी की गई और उन्हें घर के अंदर रहने के लिए कहा गया। स्थानीय समयानुसार सुबह 4 बजे देश के मौसम मानचित्रों में आसमान में सल्फर डाइऑक्साइड का एक बड़ा बादल देखा गया, जो आइसलैंड में हाल ही में हुए ज्वालामुखी विस्फोटों से निकला था। सल्फर डाइऑक्साइड का उत्पादन कच्चे तेल या कोयले के दहन से होता है लेकिन ज्वालामुखी भी जब फटते हैं तो बड़ी मात्रा में इसे छोड़ते हैं। इस गैस के कारण लोगों को गले में खराश, खांसी, नाक बहना, आंखों में जलन, फेफड़ों में जकड़न और सांस लेने में कठिनाई जैसे लक्षण हो सकते हैं। कुछ लोगों को इस गैस के सीधे संपर्क में आने से अस्थमा, और पुरानी ब्रोंकाइटिस जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।
यह गैस 1952 में लंदन के प्रसिद्ध स्मॉग का कारण बनी थी, जिसमें हजारों लोगों की सांस से संबंधित बीमारियों के कारण मौतें हुई थीं। सल्फर डाइऑक्साइड जब पृथ्वी के वातावरण में मौजूद जल वाष्प के साथ मिलती है तो एसिड बारिश का निर्माण होता है। बच्चे और बुजुर्ग सल्फर डाइऑक्साइड के संपर्क में आने से जल्दी बीमार हो जाते हैं। लिहाजा उन्हें इससे बचने और घर के अंदर रहने की सलाह दी गई थी। यह खतरनाक स्मॉग आइसलैंड में 22 अगस्त को रेक्जानेस प्रायद्वीप के पास ग्रिंडाविक में हुए ज्वालामुखी विस्फोट के बाद लंदन पहुंचा। रिपोर्टों के अनुसार रेक्जानेस और ओल्फस में बचाव दल को बुलाया गया और ग्रिंडाविक और ब्लू लैगून के हजारों निवासियों को निकाला गया। स्थानीय अधिकारियों द्वारा निवासियों को अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इस क्षेत्र से दूरी बनाए रखने के लिए कहा गया था।