Edited By Tanuja,Updated: 23 Dec, 2024 05:34 PM
हाल के दिनों में कनाडा में यहूदी समुदाय के खिलाफ हिंसा की घटनाओं में तेजी आई है। मॉन्ट्रियल में एक यहूदी उपासना स्थल में आगजनी और टोरंटो के एक यहूदी प्राथमिक स्कूल में...
International Desk: हाल के दिनों में कनाडा में यहूदी समुदाय के खिलाफ हिंसा की घटनाओं में तेजी आई है। मॉन्ट्रियल में एक यहूदी उपासना स्थल में आगजनी और टोरंटो के एक यहूदी प्राथमिक स्कूल में गोलीबारी जैसी घटनाओं ने माहौल को तनावपूर्ण बना दिया है। इन घटनाओं की प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने निंदा की है, लेकिन यहूदी समुदाय का मानना है कि सरकार नफरत और हिंसा रोकने में नाकाम रही है।
इस मुश्किल घड़ी में कनाडा में रह रहे हिंदू समुदाय ने यहूदियों के प्रति एकजुटता दिखाते हुए टोरंटो के बाथर्स्ट और शेपर्ड इलाके में रैली निकाली। कड़ाके की ठंड में हुए इस प्रदर्शन में हिंदू, द्रूज और ईरानी समुदाय के लोग शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों ने इजरायल के झंडे के साथ "जय श्रीराम" के नारे लगाते हुए यहूदियों के अधिकारों के लिए अपना समर्थन जताया। एक हिंदू प्रदर्शनकारी ने कहा, "हम यहां यहूदियों और इजरायली समुदाय को यह बताने आए हैं कि वे कनाडा में अकेले नहीं हैं। हम उनके साथ खड़े हैं।"
दूसरे प्रदर्शनकारी ने कहा, "यहूदियों को भी वही अधिकार मिलना चाहिए, जो अन्य समुदायों को हैं। हम यहां उनकी सुरक्षा और उनके अधिकारों के लिए खड़े हैं।"
यह प्रदर्शन सिर्फ समर्थन तक सीमित नहीं रहा, बल्कि कनाडा में बढ़ती नफरत और हिंसा के खिलाफ सभी समुदायों की एकजुटता का प्रतीक बन गया। यहूदियों के साथ खड़े होकर हिंदू और अन्य समुदायों ने यह संदेश दिया कि सांप्रदायिक सौहार्द से ही समाज आगे बढ़ सकता है।
यहूदी समुदाय के कुछ लोगों ने कनाडा सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो पर्याप्त कदम नहीं उठा रहे हैं। यह घटनाएं इस बात का संकेत हैं कि कट्टरपंथी विचारधारा को रोकने के लिए ठोस कदमों की जरूरत है। कनाडा में हिंदू और यहूदी समुदाय की इस एकता ने नफरत के खिलाफ एक नई मिसाल पेश की है। अब देखना यह है कि यह पहल कनाडा में बढ़ते हेट क्राइम्स को रोकने और सांप्रदायिक सद्भाव बढ़ाने में कितना कारगर साबित होती है।