भारत ने पाकिस्तान पर साधा निशाना, कहा- कुछ देश आतंकवाद को औजार के रूप में कर रहे इस्तेमाल

Edited By Tanuja,Updated: 20 Jul, 2024 02:38 PM

certain countries are using terrorism as an instrument of state policy india

भारत ने पाकिस्तान पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा है कि कुछ देश आतंकवाद को शासकीय नीति के औजार के रूप में इस्तेमाल कर...

इंटरनेशनल डेस्कः भारत ने पाकिस्तान पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा है कि कुछ देश आतंकवाद को शासकीय नीति के औजार के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। भारत ने यह भी कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में दोहरे मापदंडों से बचा जाना चाहिए। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन में उप स्थायी प्रतिनिधि एवं प्रभारी राजदूत आर रवींद्र ने कहा, ‘‘आप इस बात से सहमत होंगे कि जब हम अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा की बात करते हैं, तो आतंकवाद सबसे गंभीर खतरों में से एक है।'' उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए हमें आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में दोहरे मापदंड से बचना चाहिए।''

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रवींद्र ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ‘अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने में संयुक्त राष्ट्र और क्षेत्रीय एवं उप-क्षेत्रीय संगठनों के बीच सहयोग: सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन (CSTO ), स्वतंत्र राष्ट्रों का राष्ट्रमंडल (CIS), शंघाई सहयोग संगठन (SCO)' विषय पर अपने विचार रखते हुए यह बात कही। उन्होंने पाकिस्तान का परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए कहा कि कुछ देश आतंकवाद को शासकीय नीति के एक औजार के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह के दृष्टिकोण से एससीओ सहित बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग प्रभावित होने की आशंका है।'' पाकिस्तान, शंघाई सहयोग संगठन का सदस्य है। रवींद्र ने इस बात पर जोर दिया कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आतंकवाद के सभी रूपों और तरीकों से लड़ने के अपने संकल्प की पुन: पुष्टि करनी चाहिए और ‘‘हमें वित्तपोषण समेत आतंकवाद को दिए जाने वाले हर प्रकार के समर्थन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।''

 

उन्होंने आतंकवाद का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव और आतंकवादियों के रूप में सूचीबद्ध व्यक्तियों एवं संस्थाओं पर लगाए गए प्रतिबंधों के पूर्ण कार्यान्वयन की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि एससीओ के नेताओं ने इस महीने की शुरुआत में अपनाए गए अस्ताना घोषणापत्र में इस बात पर सहमति व्यक्त की थी कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को उन देशों को अलग-थलग और बेनकाब करना चाहिए जो आतंकवादियों को पनाह देते हैं और आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं। रवींद्र ने कहा कि इसी तरह ‘‘हमें अपने युवाओं में कट्टरपंथ के प्रसार को रोकने के लिए भी सक्रिय कदम उठाने चाहिए।'' उन्होंने कहा कि 2023 में SCO की भारत की अध्यक्षता में कट्टरपंथ के विषय पर जारी संयुक्त वक्तव्य कट्टरता के खिलाफ लड़ाई में दिल्ली की साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

 

रवींद्र ने जोर देकर कहा कि भारत SCO के भीतर सुरक्षा क्षेत्र में विश्वास को मजबूत करने के साथ-साथ ‘‘समानता, सम्मान और आपसी समझ'' के आधार पर एससीओ भागीदारों के साथ संबंधों को मजबूत करने को उच्च प्राथमिकता देता है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा संबंधी नयी और जटिल चुनौतियों के साथ बढ़ते क्षेत्रीय संघर्षों की पृष्ठभूमि में एससीओ-क्षेत्रीय आतंकवाद विरोधी संरचना (आरएटीएस), सदस्य देशों के बीच सहयोग को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। रवींद्र ने कहा, ‘‘हमें आतंकवाद, अलगाववाद और चरमपंथ की तीन बुराइयों के खिलाफ लड़ाई में एससीओ-आरएटीएस की भूमिका को और मजबूत करने की जरूरत है।'' उन्होंने कहा कि भारत ने संपर्क सुविधा और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान किए जाने की भी लगातार वकालत की है।  

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