कंबोड‍िया की आढ़ में आंखें  दिखा रहा चीन, भारत को 'गोल्डन ड्रैगन' से रहना होगा अलर्ट

Edited By Tanuja,Updated: 21 May, 2024 02:03 PM

china and cambodia begin 15 day military exercises

दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में  चीन की बढ़ती पैठ भारत का सिरदर्द बढ़ा सकती है । इन देशों का सहारा लेकर ड्रैगन ना सिर्फ इस क्षेत्र में खुद को...

इंटरनेशनल डेस्कः दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में  चीन की बढ़ती पैठ भारत का सिरदर्द बढ़ा सकती है । इन देशों का सहारा लेकर ड्रैगन ना सिर्फ इस क्षेत्र में खुद को मजबूत बनाएगा, बल्कि वह नई दिल्ली के हितों को भी प्रभावित कर सकता है इसलिए भारत को चीन से अलर्ट रहने की जरूरत है। दक्षिण-पूर्व एशियाई राष्ट्र में बीजिंग के बढ़ते प्रभाव के बारे में सवाल उठने के बाद कंबोडिया और चीन ने गुरुवार को 15 दिवसीय सैन्य अभ्यास‘रेगुलर गोल्डन ड्रैगन’ जमीनी और समुद्री युद्धाभ्यास  शुरू किया जिसमें कंबोडियाई सेना के लगभग 1,315 जवान और 760 चीनी भाग ले रहे हैं। मिलिट्री एक्सरसाइज में चीन के तीन और 11 कंबोडियाई जहाज भी शामिल हैं।उत्तर-पश्चिम में एक जंगली और पहाड़ी ट्रेनिंग एरिया वाले कंबोडियाई मिलिट्री बेस पर जैसे ही एक्सरसाइज का पहला फेज नोम पेन्ह से लगभग 90 किलोमीटर (55 मील) शुरू हुआ, कंबोडियाई सेना के कमांडर-इन-चीफ जनरल वोंग पिसेन ने नए साजो-सामान देने और रीम नेवल बेस सहित मिलिट्री फैसिलिटी को अपग्रेड करने में मदद करने के लिए चीन को धन्यवाद दिया।

 

अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों की बढ़ी टेंशन
अमेरिका और अन्य पश्चिमी देश इस बात को लेकर परेशान हैं कि रीम पर एक गोदी के निर्माण में चीन की भागीदारी से यह थाईलैंड की खाड़ी पर चीन की नौसेना के लिए नई निगरानी चौकी बन सकता है।इसके अलावा, चीन के दो वॉरशिप पांच माह से अधिक समय से गोदी पर खड़े होने से अमेरिका और अन्य देशों की चिंताओं को बल मिला है। कंबोडिया ने हालांकि इस पर जोर दिया कि उनका संविधान उनके क्षेत्र में विदेशी सैन्य बलों की तैनाती पर रोक लगाता है और रक्षा मंत्रालय ने कहा कि चीन के दो वॉरशिप गोदी का ‘परीक्षण’ कर रहे हैं और अभ्यास में हिस्सा लेने के लिए यहां पर हैं। 

 

हालांकि वोंग पिसेन ने, चीनी सेना के दक्षिणी थिएटर कमांड के एडमिरल गाओ शियुचेंग के साथ बोलते हुए, कंबोडिया की आधिकारिक स्थिति को लेकर कहा कि हमारे देश में किसी भी विदेशी सैन्य अड्डे की अनुमति नहीं दी जाएगी। साथ ही, उन्होंने कंबोडिया को अपनी सैन्य क्षमताओं को अपग्रेड करने में मदद करने के लिए चीन के योगदान को स्वीकार किया और कहा कि मिलिट्री एक्सरसाइज से दोनों देशों की सेनाओं के बीच गहरा सहयोग और विश्वास बनाने में मदद मिलेगी। मिलिट्री एक्सरसाइज शुरू होने से पहले दोनों सैन्य अधिकारियों ने सैनिकों और बख्तरबंद लड़ाकू वाहनों, तोपखाने और अन्य उपकरणों का निरीक्षण किया. ‘गोल्डन ड्रैगन’ एक्सरसाइज 2016 से नियमित आधार पर किया जा रहा है, लगभग उसी समय जब कंबोडिया ने संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ अंगकोर सेंटिनल के रूप में जाने जाने वाले इसी तरह के एक एक्सरसाइज को रद्द कर दिया था.
 

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