Edited By Tanuja,Updated: 01 Jun, 2023 04:57 PM
चीन की सरकार ने ताइवान के साथ एक व्यापार संधि पर हस्ताक्षर करने की अमेरिका की योजना की आलोचना की और बृहस्पतिवार को उससे स्वशासित...
बीजिंग: चीन की सरकार ने ताइवान के साथ एक व्यापार संधि पर हस्ताक्षर करने की अमेरिका की योजना की आलोचना की और बृहस्पतिवार को उससे स्वशासित द्वीप के साथ आधिकारिक संपर्क बंद करने को कहा। चीन इस स्वशासित द्वीप को अपना हिस्सा बता उस पर दावा करता है। उच्च तकनीक उद्योग के लिए एक वैश्विक केंद्र इस द्वीप के पास लड़ाकू जेट विमानों और बमवर्षकों को उड़ाकर ताइवान को डराने के चीनी प्रयासों के बीच बृहस्पतिवार को समझौते पर हस्ताक्षर किया जाना है। अमेरिकी और यूरोपीय राजनेताओं ने ताइवान में चुनी हुई सरकार के समर्थन में वहां का दौरा किया है।
चीनी विदेश मंत्रालय ने वाशिंगटन पर ताइवान की स्थिति पर समझौतों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया, जो 1949 में गृहयुद्ध के बाद मुख्य भूमि से अलग हो गया था। अमेरिका के ताइवान के साथ कोई आधिकारिक संबंध नहीं हैं, लेकिन व्यापक अनौपचारिक संबंध और अरबों डॉलर का वार्षिक कारोबार है। मंत्रालय के एक प्रवक्ता माओ निंग ने कहा, “अमेरिका को ताइवान के साथ किसी भी प्रकार के आधिकारिक आदान-प्रदान को रोकना चाहिए, ताइवान के साथ ऐसे समझौतों पर बातचीत करने से बचना चाहिए जिनका संप्रभु अर्थ या आधिकारिक प्रकृति है और ताइवान की स्वतंत्रता की अलगाववादी ताकतों को गलत संकेत भेजने से भी बचना चाहिए।”
ताइवान कभी पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना का हिस्सा नहीं रहा है, लेकिन मुख्य भूमि की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी का कहना है कि यदि आवश्यक हो तो द्वीप चीन के साथ एकजुट होने के लिए बाध्य है। चीन ने धमकी दी है कि अगर ताइवान औपचारिक स्वतंत्रता की घोषणा करता है या एकीकरण पर बातचीत में देरी करता है तो वह हमला करेगा। अमेरिकी और ताइवान के अधिकारियों का कहना है कि 21वीं सदी के व्यापार पर अमेरिका-ताइवान की पहल सीमा शुल्क, निवेश और अन्य नियमों को सरल बनाकर व्यापार को बढ़ाएगी।