चीन ने 10 लाख ड्रोन बनाने का दिया ऑर्डर, दुनिया की बढ़ी चिंता

Edited By Rahul Rana,Updated: 26 Dec, 2024 11:21 AM

china orders to make 10 lakh drones world s concern increased

ड्रोन्स का इस्तेमाल आज के युद्धक्षेत्रों में बड़ा बदलाव ला रहा है। सस्ते और आसानी से हथियारों में बदलने वाले ड्रोन्स का उपयोग यूक्रेन से लेकर मध्य पूर्व तक बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। अब चीन ने भी अपनी सेना को और मजबूत बनाने के लिए बड़े स्तर पर...

इंटरनेशनल डेस्क। ड्रोन्स का इस्तेमाल आज के युद्धक्षेत्रों में बड़ा बदलाव ला रहा है। सस्ते और आसानी से हथियारों में बदलने वाले ड्रोन्स का उपयोग यूक्रेन से लेकर मध्य पूर्व तक बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। अब चीन ने भी अपनी सेना को और मजबूत बनाने के लिए बड़े स्तर पर ड्रोन निर्माण का फैसला किया है। चीन की सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने घरेलू कंपनी पॉली टेक्नोलॉजी को 10 लाख ड्रोन बनाने का ऑर्डर दिया है। यह ड्रोन 2026 तक तैयार किए जाएंगे।

भारत समेत पड़ोसी देशों की बढ़ी चिंता

चीन के इस कदम से दुनिया भर की महाशक्तियां सतर्क हो गई हैं। भारत जो चीन का पड़ोसी है के लिए यह फैसला चिंता का कारण है। चीन के ड्रोन्स के इस्तेमाल को लेकर विशेषज्ञों का मानना है कि ये ताइवान जैसे क्षेत्रों में हमले के लिए उपयोग किए जा सकते हैं।

रूस भी बढ़ा रहा है ड्रोन निर्माण

रूस भी ड्रोन निर्माण में पीछे नहीं है। रूसी रक्षा मंत्रालय के अनुसार रूस हर महीने 40,000 ड्रोन बना रहा है। इसके साथ ही एफपीवी ड्रोन और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली के लिए प्रति माह 5,000 यूनिट का उत्पादन किया जा रहा है। रक्षा मंत्री आंद्रेई बेलौसोव ने बताया कि नागरिक निर्माताओं की मदद से ड्रोन उत्पादन को तेजी से बढ़ाया गया है।

अमरीका ने ताइवान को दिए उन्नत ड्रोन

चीन के बढ़ते खतरे को देखते हुए अमरीका ने भी ताइवान को ड्रोन देने का फैसला किया है। इन ड्रोन को 'हेलस्केप' नाम दिया गया है। यह ड्रोन हमले की स्थिति में ताइवान को समय पर जवाबी कार्रवाई का मौका देंगे।

ड्रोन युद्ध में नया मोड़

ड्रोन्स का बढ़ता उपयोग आधुनिक युद्ध का चेहरा बदल रहा है। ये न केवल कम लागत में दुश्मन को नुकसान पहुंचाने में सक्षम हैं बल्कि इनका इस्तेमाल खुफिया जानकारी जुटाने और सटीक हमलों के लिए भी किया जा रहा है। चीन, रूस और अमरीका जैसे देशों द्वारा बड़े स्तर पर ड्रोन निर्माण और उनका उपयोग यह संकेत देता है कि भविष्य के युद्ध में ड्रोन्स अहम भूमिका निभाएंगे।

भारत और दुनिया को चीन के इस कदम पर नज़र रखनी होगी क्योंकि इतने बड़े पैमाने पर ड्रोन निर्माण किसी बड़ी रणनीति का हिस्सा हो सकता है।

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