Edited By Tanuja,Updated: 18 Jan, 2025 01:36 PM
चीन की जनसंख्या में तीसरे साल भी गिरावट आई है, 2024 के अंत तक देश की आबादी 1.408 अरब तक रह गई है। यह गिरावट पिछले साल की तुलना में 13 लाख कम होने का संकेत...
बीजिंग: चीन की जनसंख्या में तीसरे साल भी गिरावट आई है, 2024 के अंत तक देश की आबादी 1.408 अरब तक रह गई है। यह गिरावट पिछले साल की तुलना में 13 लाख कम होने का संकेत देती है। जन्म दर में लगातार कमी और वृद्ध जनसंख्या के अनुपात में वृद्धि के कारण चीन की सरकार के लिए यह स्थिति चिंता का कारण बन गई है। इस जनसंख्या संकट से निपटने के लिए चीन ने कई उपायों की शुरुआत की, लेकिन अभी तक इन प्रयासों का प्रभाव बहुत सीमित रहा है। वहीं, भारत ने अब चीन को पीछे छोड़ते हुए दुनिया का सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश बनने का दर्जा प्राप्त किया है।
जनसंख्या में गिरावट का मुख्य कारण जन्म दर में कमी आना है। इसके बावजूद, सरकार ने इस प्रवृत्ति को बदलने के लिए कई प्रयास किए, लेकिन जन्म दर में कोई खास सुधार नहीं हो सका और वृद्ध जनसंख्या का अनुपात बढ़ता जा रहा है। राष्ट्रपति शी जिनपिंग के नेतृत्व वाली चीनी सरकार जनसंख्या में हो रही गिरावट को लेकर चिंतित है, क्योंकि कामकाजी उम्र के लोगों की संख्या घट रही है, जबकि वृद्धों की जनसंख्या लगातार बढ़ रही है। चीन ने अपनी बढ़ती जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए वन चाइल्ड पॉलिसी लागू की थी, जिसके तहत प्रत्येक परिवार को केवल एक बच्चा पैदा करने की अनुमति थी। इस नीति का उल्लंघन करने पर जुर्माना और गर्भपात जैसी सख्त सजा दी जाती थी।
हालांकि, अब यह नीति बदल दी गई है, लेकिन इसका असर अभी भी दिख रहा है। आजकल युवा वर्ग शादी में देरी कर रहा है क्योंकि वे भविष्य की आर्थिक सुरक्षा, नौकरी के अवसरों और बढ़ती जीवन लागत को लेकर चिंतित हैं। इसके अलावा, अगर शादी कर भी लेते हैं तो बच्चे पैदा करने में भी झिझकते हैं। चीन में वृद्धों की संख्या बढ़ रही है। रिपोर्ट के अनुसार, 60 वर्ष या उससे अधिक आयु वाले लोग अब कुल आबादी का 22% हैं, और यह संख्या 2035 तक 30% तक पहुँचने का अनुमान है।
जनसंख्या गिरावट के कारण चिंतित चीनी सरकार ने 2021 में तीन बच्चों की नीति लागू की थी, और परिवारों को अधिक बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहन योजनाओं की शुरुआत की थी। हालांकि, इन योजनाओं का प्रभाव अपेक्षाकृत कम रहा है। चीन की जनसंख्या में गिरावट के चलते भारत ने 2024 में 1.428 अरब की आबादी के साथ दुनिया का सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश बनने का मुकाम हासिल किया, जबकि चीन की आबादी 1.4 अरब पर स्थिर रह गई। चीन अब उन देशों में शामिल हो गया है, जिनकी जनसंख्या में गिरावट हो रही है, जैसे कि जापान और पूर्वी यूरोप।
मुख्य आंकड़े
- लिंग अनुपात असंतुलन: चीन में 100 महिलाओं पर 104 पुरुष हैं।
- वृद्ध जनसंख्या: चीन में 60 वर्ष से अधिक आयु वाले लोग अब 22% हैं, और यह संख्या 2035 तक 30% तक पहुंचने का अनुमान है।