Edited By Rohini Oberoi,Updated: 14 Mar, 2025 12:54 PM

चीन ने दुनिया का सबसे शक्तिशाली सैटेलाइट स्पाई कैमरा विकसित किया है जो लेजर इमेजिंग तकनीक की मदद से 100 किमी दूर किसी भी इंसान के चेहरे को पहचान सकता है। यह कैमरा चीन के साइंस एकेडमी के ऐसरोस्पेस इन्फॉर्मेशन रिसर्च इंस्टीट्यूट द्वारा तैयार किया गया...
नेशनल डेस्क। चीन ने दुनिया का सबसे शक्तिशाली सैटेलाइट स्पाई कैमरा विकसित किया है जो लेजर इमेजिंग तकनीक की मदद से 100 किमी दूर किसी भी इंसान के चेहरे को पहचान सकता है। यह कैमरा चीन के साइंस एकेडमी के ऐसरोस्पेस इन्फॉर्मेशन रिसर्च इंस्टीट्यूट द्वारा तैयार किया गया है और यह कैमरा लेंस वाले पुराने जासूसी कैमरों से 100 गुना बेहतर इमेज कैप्चर करने में सक्षम है।
कैमरा की ताकत
चीन के वैज्ञानिकों ने इस सैटेलाइट कैमरे को किंगहाई झील के पास टेस्ट किया। इस परीक्षण में 100 किमी दूर रखे गए एक रिफ्लेक्टिव प्रिज्म को स्कैन किया गया और कैमरा ने 1.7 मिमी तक की डिटेल को पहचान लिया। इससे पहले चीन ने 7 किमी दूर से 5 सेमी की सटीक इमेज कैप्चर करने वाली तकनीक का परीक्षण किया था।
नवीनतम तकनीक
इस सैटेलाइट सिस्टम में सिंथेटिक एपर्चर लिडार (SAL) तकनीक का इस्तेमाल किया गया है जो लेजर रेडार की तरह काम करता है। यह तकनीक ऑब्जेक्ट की मूवमेंट को रीड करके हाई रिजॉल्यूशन की 2D और 3D इमेज बनाता है। SAL तकनीक के जरिए यह सिस्टम 100 किमी दूर से किसी भी चेहरे या संदिग्ध वस्तु की स्पष्ट तस्वीर ले सकता है।
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सैन्य उपयोग और चिंता
यह सिस्टम सिर्फ अंतरिक्ष में मौजूद मलबे को ट्रैक करने और टकराव से बचने के लिए नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय सैन्य गतिविधियों पर भी निगरानी रखने में सक्षम है। यह सैटेलाइट्स पर माइक्रोमेटोरॉयड डैमेज का आसानी से पता लगा सकता है और विदेशी स्पेसक्राफ्ट्स के सीरियल नंबर को भी पहचान सकता है।

चिंता का विषय
चीन का यह नया सैटेलाइट कैमरा इतना शक्तिशाली है कि यह किसी भी संदिग्ध के मूवमेंट पर नजर रख सकता है। इसके कारण दुनिया भर में इस सिस्टम के इस्तेमाल को लेकर चिंता जताई जा रही है क्योंकि यह किसी भी समय किसी भी इंसान के चेहरे को 100 किमी दूर से पहचान सकता है।
अंत में बता दें कि चीन का यह सैटेलाइट कैमरा पूरी दुनिया के लिए एक नई तकनीकी चुनौती पेश करता है। इसका इस्तेमाल अंतरिक्ष में ट्रैफिक मैनेजमेंट, सैन्य गतिविधियों की निगरानी और सुरक्षा के लिए किया जा सकता है लेकिन साथ ही इससे जुड़ी सुरक्षा चिंताएं भी बढ़ गई हैं।