Edited By Tanuja,Updated: 02 Dec, 2024 01:54 PM
ताइवान को हथियार बेचने के अमेरिकी फैसले पर चीन ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। अमेरिकी सरकार ने हाल ही में ताइवान को 385 मिलियन डॉलर के हथियारों की बिक्री को मंजूरी दी...
Bejing: ताइवान को हथियार बेचने के अमेरिकी फैसले पर चीन ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। अमेरिकी सरकार ने हाल ही में ताइवान को 385 मिलियन डॉलर के हथियारों की बिक्री को मंजूरी दी, जिसमें लड़ाकू विमानों और रडार सिस्टम के स्पेयर पार्ट्स शामिल हैं। चीन ने इसे अपनी संप्रभुता और सुरक्षा का गंभीर उल्लंघन बताया है और अमेरिका को कड़े कदम उठाने की चेतावनी दी है।
चीनी विदेश मंत्रालय ने अमेरिका से तुरंत ताइवान को हथियार देने का फैसला रोकने की मांग करते हुए कहा, हम राष्ट्रीय संप्रभुता, सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए मजबूत जवाबी कार्रवाई करेंगे। ताइवान को हथियारों की आपूर्ति अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन और अलगाववादी ताकतों को बढ़ावा देने का संकेत है। चीन ने इस कदम को "वन चाइना नीति" और 1982 के चीन-अमेरिका समझौतों के खिलाफ करार दिया। अमेरिका ने ताइवान के साथ अपने सैन्य संबंध मजबूत करने के उद्देश्य से इस सौदे को मंजूरी दी है। अमेरिकी रक्षा विभाग के मुताबिक, इन उपकरणों की डिलीवरी 2025 से शुरू होगी।
यह फैसला ताइवान को चीन के बढ़ते दबाव से निपटने में मदद करेगा। चीन ताइवान को अपना अभिन्न हिस्सा मानता है, जबकि ताइवान खुद को स्वतंत्र राष्ट्र कहता है। अमेरिका लंबे समय से ताइवान की सुरक्षा में मदद करता रहा है। हालिया हथियार बिक्री ने ताइवान जलडमरूमध्य में तनाव को और बढ़ा दिया है। अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों का मानना है कि इस सौदे से न केवल चीन-अमेरिका संबंधों में और खटास आएगी, बल्कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र की स्थिरता भी प्रभावित होगी। चीन ने चेतावनी दी है कि वह अपनी सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाएगा।