Edited By Tanuja,Updated: 04 Feb, 2025 12:03 PM
चीन ने गूगल के खिलाफ प्रतिस्पर्धा विरोधी (एंटीट्रस्ट) कानूनों के उल्लंघन के संदेह में जांच करने की घोषणा की है। यह मामला ऐसे समय सामने आया है जब वैश्विक स्तर पर टेक्नोलॉजी कंपनियों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है...
बीजिंगः चीन (China) ने गूगल (Google) के खिलाफ प्रतिस्पर्धा विरोधी (Antitrust) कानूनों के उल्लंघन के संदेह में जांच Investigation करने की घोषणा की है। यह मामला ऐसे समय सामने आया है जब वैश्विक स्तर पर टेक्नोलॉजी कंपनियों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। हालांकि, इस जांच को लेकर गूगल या चीन सरकार की ओर से कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी गई है। यह कदम तब उठाया गया है जब हाल ही में अमेरिका और यूरोप में गूगल पर कई एंटीट्रस्ट मामलों में मुकदमे दर्ज किए गए हैं और वैश्विक स्तर पर बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनियों की बाजार शक्ति और प्रतिस्पर्धा पर चिंताएं बढ़ी हैं।
गूगल पहले से ही अमेरिका और यूरोप में एंटीट्रस्ट जांचों का सामना कर रहा है। चीन की इस नई जांच के परिणामस्वरूप गूगल के संचालन और वैश्विक तकनीकी उद्योग पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है। गूगल की मूल कंपनी, अल्फाबेट इंक., एक अमेरिकी बहुराष्ट्रीय कंपनी है, जो गूगल और कई अन्य सहायक कंपनियों की मूल कंपनी के रूप में कार्य करती है। गूगल के उत्पादों और सेवाओं में सर्च इंजन, एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम, यूट्यूब, और अन्य शामिल हैं, जो वैश्विक स्तर पर उपयोग किए जाते हैं। प्रतिस्पर्धा-विरोधी कानूनों का उद्देश्य बाजार में निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करना है। गूगल पर आरोप है कि वह अपने एंड्रॉइड मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम के प्रभुत्व का उपयोग करके प्रतिस्पर्धा को बाधित कर रहा है।
चीन की इस जांच का उद्देश्य यह निर्धारित करना है कि क्या गूगल ने अपने बाजार प्रभुत्व का दुरुपयोग किया है और क्या उसने प्रतिस्पर्धा-विरोधी प्रथाओं में संलिप्त होकर चीनी उपभोक्ताओं और व्यवसायों को नुकसान पहुंचाया है। इस जांच के परिणामस्वरूप, यदि गूगल को दोषी पाया जाता है, तो उसे भारी जुर्माना, संचालन में बदलाव, या अन्य प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है। गूगल के खिलाफ एंटीट्रस्ट कानूनों के उल्लंघन के मामलों में भारत भी शामिल है। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने गूगल के खिलाफ एंटीट्रस्ट जांच के आदेश दिए हैं, जिसमें गूगल पर अपने एंड्रॉइड टीवी प्लेटफॉर्म के माध्यम से प्रतिस्पर्धा को बाधित करने का आरोप है।