Edited By Tanuja,Updated: 13 Jan, 2025 06:04 PM
ताइवान के खुफिया ब्यूरो का कहना है कि चीन की मुख्य जासूसी एजेंसी ताइवान की सुरक्षा से जुड़ी खुफिया जानकारी हासिल करने के लिए आपराधिक गिरोहों, शेल (फर्जी) कंपनियों...
International Desk: ताइवान के खुफिया ब्यूरो का कहना है कि चीन की मुख्य जासूसी एजेंसी ताइवान की सुरक्षा से जुड़ी खुफिया जानकारी हासिल करने के लिए आपराधिक गिरोहों, शेल (फर्जी) कंपनियों और अन्य संदिग्ध साझेदारों के साथ मिलकर काम कर रही है, जिसके कारण द्वीप पर कथित जासूसी के आरोप में गिरफ्तार लोगों की संख्या में भारी बढ़ोतरी हुई है। इसमें कहा गया है कि वर्तमान और सेवानिवृत्त ताइवानी सैन्यकर्मी विशेष चिंता का विषय हैं, जिनकी संख्या पिछले साल मुकदमे का सामना करने वाले कुल कथित जासूसों की संख्या (64) के लगभग आधे के बराबर थी, जबकि उनकी यह संख्या 2021 में 16 और 2022 में 10 से अधिक थी।
ये गिरफ्तारियां चीन की सैन्य धमकी, आर्थिक दबंगई और ‘ग्रे एरिया' रणनीति, यथा-एकीकरण को बढ़ावा देने के लिए इंटरनेट का उपयोग करने और निचले स्तर के सरकारी अधिकारियों को चीन की यात्रा करने पर सभी तरह के खर्च का भुगतान करने का अभियान चलाने के मद्देनजर की गई हैं। ताइवान के राष्ट्रीय सुरक्षा ब्यूरो द्वारा सप्ताहांत में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, चीनी एजेंटों ने ताइवानी ‘अंडरवर्ल्ड' का उपयोग करके उन लोगों को धन मुहैया कराने की कोशिश की है जिनके पास बेचने के लिए कोई जानकारी है। इनमें से कई गिरोह 1949 में दोनों पक्षों के बीच विभाजन से पहले से काम कर रहे हैं और उनकी तलाश की जा रही है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके अलावा कर्ज देने वाली कंपनियों और फर्जी कंपनियों (जिनका उपयोग धनशोधन के लिए किया जा सकता है) तथा धार्मिक संप्रदायों (जो कभी-कभी अवैध गतिविधियों में संलग्न होते हैं) एवं गैर-लाभकारी समूहों की भी तलाश जारी है। कुछ भुगतान क्रिप्टोकरेंसी के जरिये किए जाते हैं, जबकि पुराने जमाने के तरीकों का भी इस्तेमाल किया जाता है जैसे कि यौन प्रलोभन देकर संदेह रहित लक्ष्यों को फंसाना और रहस्य उजागर करने के लिए उन पर दबाव डालना। ब्यूरो ने कहा कि इसी तरह का वाकया वन-स्टार जनरल लो सीन-चे के साथ हुआ था, जिन्हें थाईलैंड में तैनाती के दौरान ऐसे ही जाल में फंसाया गया था।