Edited By Tanuja,Updated: 23 Nov, 2024 10:14 AM
स्विट्जरलैंड के ल्यूसर्न शहर में एक चर्च ने AI आधारित 'होलोग्राम जीसस' को कन्फेशन सुनने के लिए तैनात किया है। इसे 'डेउस इन मशीना' (Deus in Machina) यानी 'मशीन में भगवान' नाम
International Desk: स्विट्जरलैंड के ल्यूसर्न शहर में एक चर्च ने AI आधारित 'होलोग्राम जीसस' को कन्फेशन सुनने के लिए तैनात किया है। इसे 'डेउस इन मशीना' (Deus in Machina) यानी 'मशीन में भगवान' नाम दिया गया है। यह अनोखी पहल ल्यूसर्न यूनिवर्सिटी ऑफ एप्लाइड साइंसेज एंड आर्ट्स के कंप्यूटर वैज्ञानिकों और धर्मशास्त्रियों द्वारा की गई है। यह होलोग्राम 100 भाषाओं में बातचीत करने में सक्षम है। चर्च में आने वाले श्रद्धालु एक कन्फेशनल बूथ में जाकर एआई-जीसस के साथ अपनी स्वीकारोक्ति साझा करते हैं। यह होलोग्राम उनकी बात सुनने के बाद उन्हें सलाह देता है और अंत में "भाई, शांति आपके साथ हो" कहकर आशीर्वाद देता है।
कुछ श्रद्धालुओं ने इसे एक अनोखा अनुभव बताया। एक व्यक्ति ने कहा, "हालांकि यह मशीन है, लेकिन इसने मेरी समस्याओं को लेकर कुछ उपयोगी सलाह दी।" चर्च ने उपयोगकर्ताओं को यह चेतावनी दी है कि वे अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें और इस सेवा का उपयोग अपने जोखिम पर करें। इस पहल को लेकर बहस भी छिड़ गई है। कुछ लोगों का मानना है कि कन्फेशन सुनने का कार्य पादरियों का है और इसे मशीन को नहीं सौंपा जाना चाहिए।
ल्यूसर्न यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर पीटर किर्चश्लागर ने कहा, "मशीनें इंसानों की तरह नैतिक दिशा-निर्देश नहीं दे सकतीं। यह काम सिर्फ पादरियों के लिए उपयुक्त है।" यह तकनीकी पहल धर्म और विज्ञान के बीच एक नई बहस को जन्म दे रही है। जहां कुछ लोग इसे आधुनिकता और आध्यात्मिकता का मेल मानते हैं, वहीं कुछ इसे परंपराओं के लिए खतरा मानते हैं।