mahakumb

रमजान दौरान मुस्लिम देश में महिलाओं पर अमानवीय अत्याचार, सड़कों पर निर्वस्त्र कर दौड़ाया, रेप के बाद हत्या

Edited By Tanuja,Updated: 11 Mar, 2025 04:22 PM

corpses on roads women paraded naked in syrian revenge violence

मजान के पवित्र महीने में, जब पूरी दुनिया के मुसलमान इबादत और शांति का संदेश फैलाने में लगे हैं, सीरिया में हालात भयावह होते जा रहे हैं। नई सरकार और अपदस्थ राष्ट्रपति बशर अल-असद के समर्थकों के ....

International Desk: रमजान के पवित्र महीने में, जब पूरी दुनिया के मुसलमान इबादत और शांति का संदेश फैलाने में लगे हैं, सीरिया में हालात भयावह होते जा रहे हैं। नई सरकार और अपदस्थ राष्ट्रपति बशर अल-असद के समर्थकों के बीच चल रहे खूनी संघर्ष ने हजारों लोगों की जान ले ली है। चिंताजनक बात यह है कि इस संघर्ष के बीच निर्दोष महिलाओं को क्रूरतम अत्याचारों का शिकार बनाया जा रहा है। सीरिया में जारी हिंसा के बीच महिलाओं पर अत्याचारों की दिल दहला देने वाली घटनाएं सामने आ रही हैं। स्थानीय रिपोर्ट्स के अनुसार, महिलाओं और युवतियों के साथ बलात्कार की घटनाओं में वृद्धि हुई है।  

 

रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार समर्थक सुन्नी मुस्लिमों द्वारा कई अल्पसंख्यक महिलाओं को क्रूर यातनाओं के बाद निर्वस्त्र कर सार्वजनिक रूप से दौड़ाया गया और फिर उनकी हत्या कर दी गई। कई इलाकों में हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि पुरुषों को भी घुटनों के बल चलने के लिए मजबूर किया जा रहा है। इस भयावह हिंसा पर विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है और कट्टरपंथी मुस्लिम संगठनों, मौलवियों, और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं।  
"सीरिया में हिंसा का खौफनाक मंजर: महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाकर की हत्या! रमजान में भी..!! इसे तो वे पाक महीना कहते हैं!! सीरिया में नए शासनकाल में पिछले कुछ दिनों से हिंसा अनवरत जारी है। पुरुषों को भी कुत्तों की तरह घुटनों पर चलाया जा रहा है और महिलाओं की नृशंस हत्याएं की जा रही हैं।" 

 

उन्होंने आगे कहा, "गाजा पर आतंकियों के लिए आंसू बहाने वाले भारतीय कट्टरपंथी मुस्लिम उलेमा और उनकी संस्थाएं इस पर क्यों मौन हैं? क्या वे इस पर भी प्रदर्शन का साहस कर सकेंगे? "  इसके साथ ही उन्होंने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग और यूनाइटेड वुमेन जैसी अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं की चुप्पी पर भी सवाल खड़े किए हैं।  हाल ही में भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद शमी  के रोज़ा रखने को लेकर देश में विवाद हुआ था। इस पर कई मौलानाओं और मुस्लिम धर्मगुरुओं ने खुलकर अपनी राय दी थी। लेकिन, जब सीरिया में निर्दोष महिलाओं पर हो रहे अमानवीय अत्याचारों की बात आई, तो उन्हीं कट्टरपंथी संगठनों, उलेमाओं और मौलानाओं ने पूरी तरह चुप्पी साध ली। सीरिया में बढ़ती हिंसा और महिलाओं पर हो रहे बर्बर अत्याचारों ने पूरी दुनिया को झकझोर दिया है। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या संयुक्त राष्ट्र, मानवाधिकार संगठन और इस्लामी देशों के नेता इस पर कोई ठोस कदम उठाएंगे, या फिर ये घटनाएं सिर्फ एक और  "अनसुनी त्रासदी" बनकर रह जाएंगी?  

 

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!