Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 29 Mar, 2025 05:56 PM

म्यांमार में 28 मार्च 2025 को आए 7.7 तीव्रता के भूकंप ने भारी तबाही मचाई है। अब तक 1002 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 2376 लोग घायल और 30 लोग लापता बताए जा रहे हैं। भूकंप से परिवहन और संचार नेटवर्क बुरी तरह प्रभावित हुआ है...
इंटरनेशनल डेस्क: म्यांमार में 28 मार्च 2025 को आए 7.7 तीव्रता के भूकंप ने भारी तबाही मचाई है। अब तक 1002 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 2376 लोग घायल और 30 लोग लापता बताए जा रहे हैं। भूकंप से परिवहन और संचार नेटवर्क बुरी तरह प्रभावित हुआ है, जिससे राहत कार्य में दिक्कतें आ रही हैं। यूनाइटेड स्टेट जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) ने आशंका जताई है कि म्यांमार में मरने वालों की संख्या 10 हजार से अधिक हो सकती है। भूकंप का सबसे ज्यादा असर मांडले, बागो, मैगवे, उत्तर-पूर्वी शान राज्य, सागाइंग और नेपी ताव में देखने को मिला है। यांगून-मांडले राजमार्ग गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो चुका है, जिससे राहत और बचाव कार्यों में बाधा आ रही है।
भूकंप के झटके पड़ोसी देश थाईलैंड तक महसूस किए गए। बैंकॉक में 30 मंजिला इमारत गिरने से 10 लोगों की मौत हो गई। कई अन्य इमारतों में दरारें आ गई हैं, जिससे लोग दहशत में हैं।
भारत ने बढ़ाया मदद का हाथ, 'ऑपरेशन ब्रम्हा' के तहत भेजी राहत सामग्री
भारत ने अपने ‘नेबरहुड फर्स्ट’ और ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ के तहत म्यांमार की मदद के लिए ‘ऑपरेशन ब्रम्हा’ शुरू किया है। इसके तहत भारत ने 15 टन राहत सामग्री की पहली खेप यांगून भेजी है, जिसमें टेंट, कंबल, स्लीपिंग बैग, भोजन के पैकेट, स्वच्छता किट, जनरेटर और आवश्यक दवाएं शामिल हैं। भारतीय नौसेना के जहाज आईएनएस सतपुड़ा और आईएनएस सावित्री 40 टन मानवीय सहायता लेकर म्यांमार के लिए रवाना हो चुके हैं।
दुनिया के कई देश आगे आए मदद के लिए
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दक्षिण कोरिया ने दो अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के जरिए दो मिलियन अमेरिकी डॉलर की सहायता देने का ऐलान किया है।
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न्यूजीलैंड ने म्यांमार को दो मिलियन न्यूजीलैंड डॉलर की मदद देने की घोषणा की है।
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चीन और रूस ने भी अपने-अपने बचाव दल म्यांमार भेजे हैं।
स्कूल गिरने से बच्चों की मौत, कई अब भी लापता
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, मांडले क्षेत्र में एक स्कूल ढहने से 12 बच्चों और एक शिक्षक की मौत हो गई है। बचावकर्मियों ने बताया कि अब भी 50 बच्चे और छह शिक्षक लापता हैं। स्थानीय रेड क्रॉस और अन्य सामाजिक सहायता संगठन बचाव कार्यों में जुटे हैं।
म्यांमार सरकार ने की अंतरराष्ट्रीय मदद की अपील
म्यांमार के वरिष्ठ नेता जनरल मिन आंग ह्लाइंग ने स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय समुदायों से मानवीय सहायता की अपील की है। इस विनाशकारी भूकंप के बाद देश को बुनियादी ढांचे को दोबारा खड़ा करने और जरूरतमंदों तक राहत पहुंचाने में बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में राहत अभियान लगातार जारी है, लेकिन सड़कों और पुलों के टूटने के कारण मदद पहुंचाने में बाधाएं आ रही हैं। भूकंप से प्रभावित हजारों लोग बेघर हो गए हैं और उन्हें भोजन, पानी और चिकित्सा सहायता की तत्काल जरूरत है।