Edited By Tanuja,Updated: 28 Jul, 2024 06:20 PM
पाकिस्तान से धार्मिक यात्रा के लिए इराक गए करीब 50,000 पाकिस्तानी तीर्थयात्री लापता हो गए हैं। पाकिस्तान के धार्मिक मामलों के मंत्री
International Desk: पाकिस्तान (Pakistan) से धार्मिक यात्रा के लिए इराक (iraq) गए करीब 50,000 पाकिस्तानी तीर्थयात्री लापता हो गए हैं। पाकिस्तान के धार्मिक मामलों के मंत्री चौधरी सालिक हुसैन ने यह जानकारी दी है। चौधरी ने बुधवार को पाकिस्तानी सीनेट समिति की एक बैठक में माना कि इराक से लौटने वाले पाकिस्तानी तीर्थयात्री वापस नहीं लौटे और वहीं गायब हो गए हैं। इराकी सरकार का मानना है कि ये लोग उनके देश में अवैध रूप से काम कर रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक हर साल लाखों विदेशी तीर्थयात्री इराक आते हैं। विशेष रूप से अरबाईन और आशूरा के मौकों पर शिया मुस्लिम इराक आते हैं। शियाओं के लिए अरबाईन की तीर्थयात्रा खास अहमियत रखती है क्योंकि यह कर्बला की लड़ाई में पैगंबर मुहम्मद के नाती हुसैन की शहादत को चिह्नित करती है। पाकिस्तान के शिया अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्य नियमित रूप से इराक आकर इस तीर्थयात्रा में भाग लेते हैं। पाकिस्तान सरकार इस मामले को गंभीरता से लेते हुए ताफ्तान सीमा पर निगरानी तंत्र को बेहतर करने पर विचार कर रही है।
सरकार की कोशिश है कि तीर्थयात्रियों की यात्रा को सही तरीके से मॉनिटर किया जा सके और अवैध रूप से विदेश जाने की घटनाओं को रोका जा सके। उधर, इराक के श्रम और सामाजिक मामलों के मंत्री अहमद अलअसदी ने कहा कि उनकी सरकार लापता लोगों की जांच करेगी, जो अवैध रूप से काम करने का इशारा करती हैं। उन्होंने कहा, "इराक दुनिया के सभी पर्यटकों का स्वागत करता है लेकिन स्थानीय कानूनों और नियमों का सम्मान करने की आवश्यकता पर जोर देता है।"
इराकी सरकार का कहना है कि पिछले दिनों इराक में विभिन्न देशों से पर्यटकों की आमद देखी गई है, जिनमें पाकिस्तानी भी शामिल हैं। उनमें से कई ने आवश्यक कानूनी परमिट के बिना यहाँ काम करना शुरू कर दिया है।इस घटनाक्रम ने पाकिस्तान और इराक दोनों की सरकारों को अलर्ट कर दिया है। पाकिस्तान की सरकार जहां निगरानी तंत्र को मजबूत करने पर विचार कर रही है, वहीं इराकी सरकार अवैध कामगारों पर सख्ती करने की दिशा में कदम उठा रही है। इस मामले की गहन जांच और कार्रवाई की उम्मीद है ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोका जा सके।