Edited By Tanuja,Updated: 12 Oct, 2024 12:32 PM
ईरान और इजरायल के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। हाल ही में 1 अक्टूबर को ईरान ने इजरायल पर मिसाइल हमला किया था, जिसके बाद से इजरायल...
Tehran: ईरान और इजरायल के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। हाल ही में 1 अक्टूबर को ईरान ने इजरायल पर मिसाइल हमला किया था, जिसके बाद से इजरायल की जवाबी कार्रवाई को लेकर ईरान चिंता में है। अब ईरान ने अरब देशों को सीधी चेतावनी दी है कि यदि उन्होंने इजरायल या अमेरिका को हमले के लिए अपने क्षेत्र या हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल करने की अनुमति दी, तो उन्हें इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान ने अपने अरब और क्षेत्रीय पड़ोसियों को चेतावनी दी है कि अगर उनके क्षेत्र का इस्तेमाल ईरान पर हमले के लिए किया गया, तो ईरान उन पर भी जवाबी कार्रवाई करेगा। इसका मतलब यह हो सकता है कि अगर इजरायल-ईरान के बीच तनाव और बढ़ता है, तो इससे खाड़ी के तेल निर्यातक देशों को भी नुकसान हो सकता है। इस धमकी ने सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और कतर जैसे देशों को चिंता में डाल दिया है, जिनकी अर्थव्यवस्था तेल पर निर्भर है।
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रिपोर्ट्स के अनुसार, ईरान की इस धमकी के बाद कुछ मिडिल ईस्ट के अमेरिकी सहयोगियों ने स्पष्ट कर दिया है कि वे अपने हवाई क्षेत्र या भूमि का इस्तेमाल ईरान पर हमले के लिए नहीं होने देंगे। इससे इन देशों में भी सुरक्षा को लेकर बेचैनी बढ़ गई है। ईरान की चेतावनी से साफ है कि अगर इजरायल हमला करता है, तो ईरान न केवल इजरायल के बुनियादी ढांचे पर बल्कि उन अरब देशों पर भी हमला करेगा जो इजरायल की मदद करेंगे।
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विश्लेषकों के अनुसार, अगर खाड़ी के देशों पर हमला होता है, तो इसका असर विश्व भर के तेल बाजारों पर पड़ सकता है। फारस की खाड़ी के देशों के पास विश्व के अधिकांश तेल भंडार हैं, और अगर उन पर हमला हुआ, तो वैश्विक तेल आपूर्ति में भारी बाधा आ सकती है। ईरान और सऊदी अरब के बीच हाल ही में चीन की मध्यस्थता से एक समझौता हुआ था, लेकिन क्षेत्र में तनाव अब भी कायम है। इस स्थिति ने सऊदी अरब, यूएई और कतर को सतर्क कर दिया है, और ये देश अपने कदम बेहद सावधानी से उठा रहे हैं ताकि ईरान-इजरायल के बीच बढ़ते तनाव का शिकार न बनें।