Edited By Rahul Rana,Updated: 24 Dec, 2024 03:54 PM
अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी को अपने दूसरे कार्यकाल की शपथ लेंगे। डोनाल्ड ट्रंप पहले भी अपने कई विवादित बयानों और नीतियों को लेकर चर्चा में रहे हैं। उनका एक बड़ा मुद्दा विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से अमेरिका को अलग करना...
इंटरनेशनल डेस्क। अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी को अपने दूसरे कार्यकाल की शपथ लेंगे। डोनाल्ड ट्रंप पहले भी अपने कई विवादित बयानों और नीतियों को लेकर चर्चा में रहे हैं। उनका एक बड़ा मुद्दा विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से अमेरिका को अलग करना है। उन्होंने पहले भी WHO पर चीन के पक्ष में काम करने का आरोप लगाया था और इसे "चीन की कठपुतली" करार दिया था।
ट्रंप का WHO पर आरोप
डोनाल्ड ट्रंप ने कोविड-19 महामारी के दौरान WHO पर चीन का समर्थन करने का आरोप लगाया। उनका कहना था कि महामारी के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराने में WHO ने निष्पक्षता नहीं दिखाई। ट्रंप ने यह भी कहा था कि WHO ने चीन की आलोचना करने की बजाय उसकी तरफदारी की।
क्या पहले दिन ही लेंगे बड़ा फैसला?
सूत्रों के मुताबिक ट्रंप अपनी शपथ लेने के बाद पहले दिन ही अमेरिका को WHO से अलग करने का एलान कर सकते हैं। वॉशिंगटन स्थित जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी के ग्लोबल हेल्थ प्रोफेसर लॉरेंस गोस्टिन ने बताया कि ट्रंप की ट्रांजिशन टीम इस फैसले की तैयारी कर रही है। हालांकि अब तक ट्रंप या उनकी टीम की तरफ से इस बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
स्वास्थ्य मंत्री को लेकर विवाद
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने दूसरे कार्यकाल के लिए रॉबर्ट कैनेडी जूनियर को स्वास्थ्य मंत्री चुना है। रॉबर्ट कैनेडी वैक्सीन के विरोधी माने जाते हैं। उनका मानना है कि वैक्सीन शरीर में समस्याएं पैदा कर सकती हैं। इस फैसले को लेकर ट्रंप को आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है।
पहले भी उठा था WHO से अलग होने का मुद्दा
यह पहली बार नहीं है जब अमेरिका के WHO से अलग होने की चर्चा हो रही है। 2020 में भी राष्ट्रपति रहते हुए ट्रंप ने WHO से अलग होने का निर्णय लिया था और इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी थी। हालांकि जो बाइडेन ने राष्ट्रपति बनने के बाद इस फैसले को पलट दिया था। अब ट्रंप दोबारा सत्ता में आ रहे हैं ऐसे में वह इस मुद्दे को फिर से उठा सकते हैं।
क्या होगा WHO से अलग होने का असर?
अगर अमेरिका WHO से अलग होता है तो यह वैश्विक स्वास्थ्य नीतियों पर बड़ा प्रभाव डालेगा। भविष्य में होने वाली स्वास्थ्य आपदाओं से निपटने में यह फैसला बड़ी चुनौती बन सकता है। अमेरिका WHO के सबसे बड़े फंडिंग देशों में से एक है। ऐसे में इसका आर्थिक प्रभाव भी WHO की कार्यक्षमता पर पड़ेगा।
वहीं डोनाल्ड ट्रंप ने साफ किया है कि वे WHO की नीतियों को लेकर असहमति जताते रहे हैं और उनका रुख इस बार भी कठोर रहने वाला है। अब देखना होगा कि अमेरिका WHO से अलग होता है या नहीं।