Edited By rajesh kumar,Updated: 09 Mar, 2025 05:45 PM

रविवार, 9 मार्च 2025 को म्यांमार में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.3 मापी गई। भूकंप के झटके महसूस होते ही लोग डर के मारे अपने घरों से बाहर भाग गए, लेकिन राहत की बात यह रही कि इस भूकंप में किसी तरह का जान-माल का...
इंटरनेशनल डेस्क: रविवार, 9 मार्च 2025 को म्यांमार में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.3 मापी गई। भूकंप के झटके महसूस होते ही लोग डर के मारे अपने घरों से बाहर भाग गए, लेकिन राहत की बात यह रही कि इस भूकंप में किसी तरह का जान-माल का नुकसान नहीं हुआ।
एनसीएस का बयान
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (एनसीएस) के मुताबिक, भूकंप की गहराई 125 किलोमीटर थी। एनसीएस ने अपनी पोस्ट में कहा, "भूकंप का माप: 4.3, तारीख: 09/03/2025, समय: 13:25:12 IST, अक्षांश: 25.03 एन, देशांतर: 95.28 ई, गहराई: 125 किमी, स्थान: म्यांमार।" इससे पहले 3 मार्च को भी म्यांमार में 4.2 तीव्रता का एक और भूकंप आया था।
'10 किलोमीटर थी भूकंप की गहराई'
एनसीएस ने बताया कि उस भूकंप की गहराई सिर्फ 10 किलोमीटर थी, जिससे यह आफ्टरशॉक के लिए अधिक संवेदनशील था। ऐसे उथले भूकंपों से नुकसान ज्यादा होता है क्योंकि यह पृथ्वी की सतह के पास आते हैं और ज्यादा ऊर्जा छोड़ते हैं। गहरे भूकंपों से इतनी घातक ऊर्जा नहीं निकलती।
म्यांमार भूकंप-प्रवण क्षेत्र है, लेकिन वहां अभी तक कोई राष्ट्रीय भूकंपीय खतरा मानचित्र नहीं तैयार किया गया है। यह क्षेत्र यूरेशियन और इंडो-ऑस्ट्रेलियाई प्लेटों के बीच स्थित है, जिससे यहां भूकंपों का खतरा ज्यादा रहता है। 1990 से 2019 के बीच हर साल म्यांमार और उसके आसपास 3.0 से अधिक तीव्रता वाले करीब 140 भूकंप आए हैं।
1903 में आया था 7.0 तीव्रता का भूकंप
इसके अलावा, म्यांमार का सागाइंग फॉल्ट क्षेत्र जैसे सागाइंग, मांडले, बागो और यांगून को भूकंपीय खतरे के तहत लाता है, जहां देश की 46 प्रतिशत आबादी रहती है। हालांकि यांगून फॉल्ट ट्रेस से थोड़ा दूर है, लेकिन इसकी घनी आबादी के कारण यह भी भूकंप के खतरे में है। उदाहरण के लिए, 1903 में बागो में 7.0 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसने यांगून को भी प्रभावित किया था।म्यांमार में भूकंप का खतरा हमेशा बना रहता है, और इस क्षेत्र में हुए भूकंपों के कारण यहां की सुरक्षा स्थिति पर ध्यान देने की आवश्यकता है।