Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 26 Mar, 2025 12:10 PM

भारत के पड़ोसी देश चीन में बुधवार सुबह-सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिससे पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। उत्तरी चीन के हेबेई प्रांत के लैंगफैंग में स्थित योंगकिंग काउंटी में यह भूकंप आया, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.2 मापी गई।
इंटरनेशनल डेस्क: भारत के पड़ोसी देश चीन में बुधवार सुबह-सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिससे पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। उत्तरी चीन के हेबेई प्रांत के लैंगफैंग में स्थित योंगकिंग काउंटी में यह भूकंप आया, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.2 मापी गई। चीन के भूकंप निगरानी केंद्र (CENC) ने इस घटना की पुष्टि की। भूकंप का केंद्र जमीन की सतह से 20 किलोमीटर नीचे था और इसका प्रभाव राजधानी बीजिंग तक महसूस किया गया। चीन का अलर्ट सिस्टम तुरंत सक्रिय हुआ और लोगों को सतर्क रहने के लिए मोबाइल फोन पर अलर्ट मैसेज भेज दिए गए।
चीन में लगातार आ रहे हैं भूकंप
चीन भूकंप के लिहाज से संवेदनशील देशों में से एक है। यहां समय-समय पर छोटे-बड़े भूकंप आते रहते हैं। हाल ही में तिब्बत प्रांत में 7.1 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें 126 लोगों की मौत हो गई थी। इसका असर नेपाल, भूटान, भारत के सिक्किम और उत्तराखंड तक देखा गया था।
लोगों में दहशत, सोशल मीडिया पर आई प्रतिक्रियाएं
भूकंप के झटकों से घबराए लोग सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। चीन के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीबो पर कई यूजर्स ने लिखा कि वे भूकंप के अलर्ट से जाग गए। कुछ लोगों ने इसे मामूली बताया, जबकि कुछ ने इसे डरावना अनुभव कहा। बीजिंग की कई यूनिवर्सिटी के छात्रों ने भी भूकंप के झटके महसूस किए।
भूकंप क्यों आता है?
धरती की ऊपरी सतह सात टेक्टोनिक प्लेटों से बनी होती है। जब ये प्लेट्स एक-दूसरे से टकराती या खिसकती हैं, तो ऊर्जा निकलती है और भूकंप आता है। भूकंप के कारणों में ज्वालामुखी विस्फोट, उल्कापिंड गिरना, माइन टेस्टिंग और न्यूक्लियर टेस्टिंग भी शामिल हो सकते हैं।
रिक्टर स्केल पर भूकंप का प्रभाव
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2.0 से 3.0 तक - बहुत हल्का भूकंप, अधिकतर लोग महसूस नहीं कर पाते।
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4.0 से 5.0 तक - हल्का कंपन, घरों में महसूस किया जा सकता है।
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6.0 से ऊपर - शक्तिशाली भूकंप, इमारतों और पुलों को नुकसान पहुंचा सकता है।
भूकंप से बचाव के उपाय
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भूकंप के दौरान तुरंत किसी मजबूत टेबल या बेड के नीचे छिपें।
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लिफ्ट का इस्तेमाल न करें, सीढ़ियों से बाहर निकलने की कोशिश करें।
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बिजली के खंभों और बड़ी इमारतों से दूर रहें।
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सरकारी अलर्ट पर ध्यान दें और घबराने से बचें।