Edited By Pardeep,Updated: 05 Feb, 2025 05:32 AM
पश्चिमी नेपाल के दैलेख जिले में मंगलवार को रिक्टर पैमाने पर 4.4 तीव्रता का हल्का भूकंप आया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। हालांकि किसी भी तरह के जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है।
इंटरनेशनल डेस्कः पश्चिमी नेपाल के दैलेख जिले में मंगलवार को रिक्टर पैमाने पर 4.4 तीव्रता का हल्का भूकंप आया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। हालांकि किसी भी तरह के जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार, 4.4 तीव्रता वाले भूकंप का केंद्र दैलेख जिले का तोलीजैसी रहा, जिससे पड़ोसी जिलों अछाम, कालीकोट और सुर्खेत में भी झटके महसूस किए गए। उन्होंने बताया कि दैलेख में भूकंप स्थानीय समयानुसार शाम 5:20 बजे आया। इस दौरान डरे सहमे लोग अपने-अपने घरों से बाहर निकल आए।
नवंबर 2023 में आए भूकंप में गई थी 136 लोगों की जान
वहीं इससे पहले नेपाल में नवंबर 2023 में जजरकोट के पश्चिमी क्षेत्र में आए जोरदार भूकंप से कम से कम 136 लोगों की मौत और दर्जनों घायल हो गए थे। भूकंप के झटके इतने तेज थे कि इससे सैकड़ों घर ढह गए।
क्यों आते हैं भूकंप?
हाल के दिनों में देश-दुनिया के कई इलाकों में भूकंप की घटनाओं में बढ़ोतरी देखी जा रही है। हमारी धरती के भीतर 7 टेक्टोनिक प्लेट्स हैं। ये प्लेट्स लगातार अपने स्थान पर घूमते रहती हैं। हालांकि, कभी-कभी इनमें टकराव या घर्षण भी होता है। इसी कारण धरती पर भूकंप की घटनाएं देखने को मिलती हैं। इसका सबसे ज्यादा नुकसान आम जनजीवन को उठाना पड़ता है। भूकंप से मकानें गिर जाती हैं, जिसमें दबकर हजारों लोगों की मौत हो जाती है।
भारत में क्या हैं भूकंप के जोन
भूगर्भ विशेषज्ञों के अनुसार, भारत के कुल भूभाग के लगभग 59 फीसदी हिस्से को भूकंप के लिहाज से संवेदनशील माना जाता है। वैज्ञानिकों ने भारत में भूकंप क्षेत्र को जोन-2, जोन-3, जोन-4 व जोन-5 यानी 4 भागों में विभाजित किया है। जोन-5 के इलाकों को सबसे ज्यादा संवेदनशील माना जाता है, जबकि जोन-2 कम संवेदनशील माना जाता है। हमारे देश की राजधानी दिल्ली भूकंप के जोन-4 में आती है। यहां 7 से अधिक तीव्रता के भी भूकंप आ सकते हैं जिससे बड़ी तबाही हो सकती है।