Edited By Rahul Rana,Updated: 30 Dec, 2024 11:07 AM
आज सुबह फिलीपींस के लूजोन शहर में भूकंप के झटके महसूस किए गए जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.6 मापी गई। जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेज (GFZ) ने बताया कि भूकंप का केंद्र धरती से 10 किलोमीटर गहराई में था। फिलीपीन एजेंसी फिवोल्क्स ने पुष्टि की कि...
इंटरनेशनल डेस्क। आज सुबह फिलीपींस के लूजोन शहर में भूकंप के झटके महसूस किए गए जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.6 मापी गई। जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेज (GFZ) ने बताया कि भूकंप का केंद्र धरती से 10 किलोमीटर गहराई में था। फिलीपीन एजेंसी फिवोल्क्स ने पुष्टि की कि यह झटके इलोकोस प्रांत के बांगुई इलाके में महसूस हुए। हालांकि अभी तक जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है।
भूकंप के कारण दहशत, पर नुकसान नहीं
भूकंप के कारण लोग अपने घरों और दफ्तरों से बाहर निकल आए लेकिन राहत की बात यह है कि किसी प्रकार की हानि नहीं हुई। विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि इस तीव्रता के भूकंप के बाद आगे और झटके आ सकते हैं।
उत्तराखंड के चमोली में भूस्खलन की चेतावनी
भारत के उत्तराखंड में शनिवार को चमोली जिले में 2.4 तीव्रता का हल्का भूकंप आया था। इसका केंद्र 5 किलोमीटर गहराई में था। इसके बाद इलाके में भूस्खलन की चेतावनी जारी कर दी गई। डीजीआरई और डीआरडीओ ने 3,000 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में आज भूस्खलन की संभावना जताई है। शाम 5 बजे तक चमोली जिले में ऑरेंज अलर्ट रहेगा।
जम्मू-कश्मीर में भी लगातार भूकंप
पिछले हफ्ते शुक्रवार और शनिवार को जम्मू-कश्मीर में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। शुक्रवार को बारामूला में 4.1 तीव्रता का भूकंप आया जबकि शनिवार को किश्तवाड़ में 3.4 तीव्रता के झटके महसूस हुए। इससे पहले 18 दिसंबर को लद्दाख के लेह क्षेत्र में 3.2 तीव्रता का भूकंप आया था।
क्यों आते हैं बार-बार भूकंप?
फिलीपींस और भारत जैसे इलाके भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील माने जाते हैं। फिलीपींस "रिंग ऑफ फायर" का हिस्सा है जहां ज्वालामुखी और भूकंप आम हैं। वहीं भारत के हिमालयी क्षेत्र में टेक्टोनिक प्लेट्स की हलचल भूकंप का कारण बनती है।
सतर्कता और सुरक्षा
भूकंप प्रभावित इलाकों के लोगों को अलर्ट रहने की सलाह दी गई है। विशेषज्ञों ने खासतौर पर पहाड़ी और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में रहने वालों को सावधानी बरतने की हिदायत दी है।