Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 28 Mar, 2025 01:59 PM

थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में शुक्रवार को 7.7 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया, जिससे पूरा शहर हिल उठा। इस भूकंप के कारण कई इमारतें कांपने लगीं, जिससे लोगों में भारी दहशत फैल गई। भूकंप का केंद्र पड़ोसी देश म्यांमार के सागाइंग क्षेत्र के पास था और इसकी...
इंटरनेशनल डेस्क: थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में शुक्रवार को 7.7 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया, जिससे पूरा शहर हिल उठा। इस भूकंप के कारण कई इमारतें कांपने लगीं, जिससे लोगों में भारी दहशत फैल गई। भूकंप का केंद्र पड़ोसी देश म्यांमार के सागाइंग क्षेत्र के पास था और इसकी गहराई 10 किलोमीटर थी। भूकंप के कारण बैंकॉक में एक निर्माणाधीन गगनचुंबी इमारत भरभराकर गिर गई। इमारत के गिरने की खबर से लोगों में अफरा-तफरी मच गई और कई इलाकों में लोग सुरक्षित स्थान की ओर भागते नजर आए। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि लोग अपने घरों और दफ्तरों से बाहर भाग रहे हैं।
भूकंप के झटकों से ऊंची इमारतों में मची खलबली
भूकंप इतना तीव्र था कि बैंकॉक की ऊंची इमारतों में लगे अलार्म बजने लगे और होटलों व दफ्तरों को खाली कराया गया। झटके इतने तेज थे कि स्विमिंग पूल के पानी में भी लहरें उठती देखी गईं। शहर के कई इलाकों में बिजली की आपूर्ति भी प्रभावित हुई।
म्यांमार में भी महसूस किए गए तेज झटके
भूकंप का केंद्र म्यांमार के मोनीवा शहर के 50 किलोमीटर पूर्व में था। म्यांमार में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए, लेकिन वहां से अब तक किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं मिली है।
भूकंप आने के मुख्य कारण
भूकंप आमतौर पर तब आता है जब धरती के अंदर मौजूद टेक्टोनिक प्लेटें आपस में टकराती, खिसकती या टूटती हैं। यह ऊर्जा सतह तक पहुंचकर झटकों के रूप में महसूस होती है।
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टेक्टोनिक प्लेटों की हलचल – धरती की सतह कई प्लेटों से बनी होती है, जो निरंतर गति में रहती हैं। जब ये टकराती हैं, तो भूकंप आता है।
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ज्वालामुखी विस्फोट – ज्वालामुखी फटने के दौरान निकलने वाली गैसें और मैग्मा भूकंप का कारण बन सकते हैं।
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खनन और विस्फोट – कोयला और खनिजों की गहरी खुदाई या बड़े विस्फोट भी भूकंप के झटके ला सकते हैं।
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गैसों का दबाव – धरती के अंदर अत्यधिक दबाव वाली गैसें और तरल पदार्थ जब अचानक निकलते हैं, तो धरती कांप सकती है।
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भूस्खलन और ग्लेशियर टूटना – पहाड़ों से भारी चट्टानें गिरने या ग्लेशियरों के खिसकने से भी भूकंप जैसे झटके महसूस हो सकते हैं।