हज यात्रा को लेकर नई भविष्यवाणी: सैंकड़ों जायरीनों की मौत बाद विशेषज्ञों ने अगले खतरे से किया आगाह

Edited By Tanuja,Updated: 20 Jun, 2024 07:43 AM

escalating climate related health risks for hajj pilgrims to mecca

दुनियाभर से सऊदी अरब हज करने के लिए गए जायरीनो को  इस साल कड़ी मौसम चुनौतियों का सामना करना पड़ा। मौसम वैज्ञानिकों की गंभीर चेतावनी के

 दुबईः दुनियाभर से सऊदी अरब हज करने के लिए गए जायरीनो को  इस साल कड़ी मौसम चुनौतियों का सामना करना पड़ा। मौसम वैज्ञानिकों की गंभीर चेतावनी के बावजूद इस तय संख्या से कई गुणा अधिक हज यात्री पहुंचे और  गर्मी के प्रकोप का शिकार हो गए।  सऊदी अरब के मक्का में हज के लिए पहुंचे   577  यात्री गर्मी और लू के कारण जान गंवा चुके हैं। वहीं हजारों की संख्या में हाजियों को गर्मी की वजह से हुई बीमारियों का सामना करना पड़ा है।   द पिछले साल भी सऊदी अरब में  भीषण गर्मी ने तमाम इंतजाम के बावजूद 240 हज यात्रियों की जान ली थी। इस साल ये संख्या दोगुणी  से अधिक हो गई है।  इस वर्ष हुई मौतों में 323 नागरिक मिस्र और 60 जॉर्डन के हैं। इसके अलावा ईरान, इंडोनेशिया और सेनेगल के तीर्थयात्रियों की भी मौतें हुई हैं। 

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 एक राजनयिक ने कहा कि गर्मी के चलते हुई मौतों में बड़ी संख्या अपंजीकृत तीर्थयात्रियों की है। आधिकारिक और महंगी हज वीजा प्रक्रियाओं को नजरअंदाज कर आने वाले यात्रियों को वातानुकूलित सुविधाओं तक पहुंच नहीं मिल पाती, ये उनके लिए मुश्किल बनती है। मिस्र के एक राजनयिक ने कहा कि अपंजीकृत तीर्थयात्रियों ने मिस्र में मरने वालों की संख्या में काफी वृद्धि की है। एक अधिकारी ने कहा कि अनियमित तीर्थयात्रियों के कारण शिविरों में अराजकता फैल गई, जिससे सेवा चरमरा गई।" कई लोग भोजन, पानी या एयर कंडीशनिंग के बिना रह गए, जिससे गर्मी से संबंधित मौतें हुईं।सऊदी में जिस तरह से तापमान में वृद्धि हो रही, उसे देखते हुए  विशेषज्ञों ने हज यात्रा पर  नई भविष्यवाणी कर दी है और अगले साल के  खतरे से किया आगाह किया है।  कहा जा रहा है कि आने वाले वर्षों में हज यात्रा बहुत मुश्किल साबित हो सकती है।

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मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मंगलवार को मक्का में तापमान 52 डिग्री सेल्सियस  दर्ज किया गया। भीषण गर्मी में हाजियों को खुद को स्वस्थ रखना चुनौती बन रहा है। ये चुनौती आने वाले वर्षों में और ज्यादा बढ़ सकती है। जर्नल ऑफ ट्रैवल एंड मेडिसिन के 2024 की एक रिसर्च के अनुसार गर्मी से निपटने की जो रणनीति दुनियाभर में बन रही हैं, बढ़ता वैश्विक तापमान उन रणनीतियों से आगे निकल सकता है। इसका सीधा असर सऊदी जैसे गर्म देश पर होगा। 

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जियोफिजिकल रिसर्च लेटर्स के  एक अध्ययन में कहा गया है कि जलवायु परिवर्तन के कारण शुष्क सऊदी अरब में तापमान बढ़ने से हज करने वाले तीर्थयात्रियों को अत्यधिक खतरे का सामना करना पड़ेगा। इस साल जिस तरह से अत्यधिक गर्मी के कारण मौते हुईं हैं और सऊदी अस्पतालों में भीड़ बढ़ी है। उसे देखते हुए ये दावा भी कुछ एक्सपर्ट कर रहे हैं कि कम से कम बुजुर्गों के लिए आने वाले वर्षों में हज करना असंभव की तरह हो जाएगा।

 

 

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