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NATO चीफ की अंतिम चेतावनी- "रुकने वाले नहीं हत्यारे पुतिन,"आज यूक्रेन तो कल यूरोप की बारी"

Edited By Tanuja,Updated: 15 Dec, 2024 01:44 PM

europe must adopt wartime mindset to stop putin says nato chief

नाटो महासचिव मार्क रुटे ने यूक्रेन युद्ध को लेकर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने पुतिन को युद्ध में हुई तबाही के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए कहा...

International Desk: नाटो महासचिव मार्क रुटे ने यूक्रेन युद्ध को लेकर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने पुतिन को युद्ध में हुई तबाही के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि उनके हाथ खून से सने हैं। रुटे ने चेतावनी दी कि पुतिन यूक्रेन को बर्बाद करने के बाद भी नहीं रुकेंगे, और अगला निशाना यूरोप हो सकता है।  रुटे ने स्पष्ट किया कि यदि पुतिन को रोका नहीं गया, तो जो आज यूक्रेन में हो रहा है, वह कल यूरोप में हो सकता है। उन्होंने यूरोपीय देशों को एकजुट होकर अधिक खर्च करने और रूस के खिलाफ मजबूत मोर्चा तैयार करने का आह्वान किया।  

 

युद्ध का भयानक असर 
मार्क रुटे ने कहा कि फरवरी 2022 से शुरू हुए इस युद्ध में अब तक 10 लाख से अधिक लोग हताहत हो चुके हैं। हर हफ्ते औसतन 10,000 लोग मारे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि नाटो के 32 देश इस युद्ध के लिए पूरी तरह तैयार नहीं थे, लेकिन अब उन्हें अपनी रक्षा पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है।  

 

 पुतिन का खतरा यूरोप तक 
रुटे ने ब्रसेल्स में कार्नेगी यूरोप थिंक टैंक के सुरक्षा विशेषज्ञों से कहा कि यह समय युद्धकालीन मानसिकता को बदलने का है। उन्होंने चेतावनी दी कि रूस का खतरा सिर्फ यूक्रेन तक सीमित नहीं रहेगा; पुतिन यूरोप की स्वतंत्रता को कुचलने की कोशिश कर रहे हैं। यूरोपीय देशों को इस खतरे को हल्के में नहीं लेना चाहिए।

 

 रूस की रणनीति और नाटो की चिंता 
रुटे ने कहा कि रूस साइबर हमलों, हत्याओं, गोला-बारूद डिपो में विस्फोट और बाल्टिक क्षेत्र में हवाई यातायात बाधित करने जैसे हथकंडे अपना रहा है। उनका कहना है कि ये प्रयास नाटो देशों को यूक्रेन का समर्थन करने से रोकने और उन्हें अस्थिर करने के लिए किए जा रहे हैं।

 

रूस-यूक्रेन समझौते का विरोध 
रुटे ने रूस और यूक्रेन के बीच किसी भी शांति समझौते का विरोध किया है। उनका मानना है कि ऐसा करने से पुतिन और ताकतवर हो जाएंगे, जिसका असर सिर्फ यूरोप पर नहीं, बल्कि पूरी दुनिया पर पड़ेगा।  

 

 यूरोप में रक्षा खर्च बढ़ाने की मांग 
रुटे ने कहा कि नाटो देशों में रक्षा बजट बढ़ा है, और 23 देशों ने जीडीपी का 2 प्रतिशत अपने सैन्य खर्च में डालने का लक्ष्य हासिल कर लिया है। हालांकि, उन्होंने कहा कि इससे अधिक की आवश्यकता है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि अभी तैयारी नहीं की गई, तो भविष्य में भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।

 

  

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