Edited By Tanuja,Updated: 17 Feb, 2025 08:33 PM
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यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए रूस के साथ होने वाली वार्ता में यूरोपीय देशों को बाहर किए जाने के बाद यूरोपीय नेताओं ने सोमवार को पेरिस में एक इमरजेंसी बैठक बुलाई है...
International Desk: यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए रूस के साथ होने वाली वार्ता में यूरोपीय देशों को बाहर किए जाने के बाद यूरोपीय नेताओं ने सोमवार को पेरिस में एक इमरजेंसी बैठक बुलाई है। यह बैठक यूरोपीय देशों की स्थिति को समन्वित करने और क्षेत्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए है।फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के कार्यालय ने रविवार को बताया कि यह बैठक "यूक्रेन की स्थिति और यूरोप की सुरक्षा" पर ध्यान केंद्रित करेगी और इसमें शांति और सुरक्षा में रुचि रखने वाले सभी साझेदारों को एकजुट किया जाएगा।यह वार्ता तब हो रही है जब अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो सऊदी अरब में रूस के अधिकारियों से मिलेंगे, लेकिन इसमें यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की को शामिल नहीं किया गया है।
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जेलेंस्की इस समय यूएई में हैं और वहां यूक्रेन के लिए मानवीय सहायता बढ़ाने के प्रयास कर रहे हैं। जेलेंस्की ने सोमवार को दो टूक शब्दों में कहा कि उनका देश युद्ध समाप्त करने के उद्देश्य से इस सप्ताह होने वाली अमेरिका-रूस वार्ता में शामिल नहीं होगा। जेलेंस्की ने कहा कि जब वार्ता में यूक्रेन शामिल नहीं होगा तो वह इसके परिणामों को भी स्वीकार नहीं करेगा। संयुक्त अरब अमीरात से एक कॉन्फ्रेंस कॉल पर पत्रकारों से बात करते हुए जेलेंस्की ने कहा कि उनकी सरकार को सऊदी अरब में मंगलवार को होने वाली वार्ता में आमंत्रित नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि वार्ता में यूक्रेन के अधिकारियों के अनुपस्थित होने के कारण इससे ‘‘कोई परिणाम नहीं निकलेगा।''
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उधर, यूरोपीय नेताओं के बीच चिंता बढ़ी है कि ट्रंप रूस के साथ एक शांति समझौता करने जा रहे हैं, जिससे यूक्रेन और यूरोप की सुरक्षा पर खतरा हो सकता है। ट्रंप के विशेष दूत कीथ केलीग ने म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में यह सुझाव दिया था कि यूरोप को इस वार्ता में कोई स्थान नहीं मिलेगा। एलिसी पैलेस ने कहा कि बैठक में यूरोपीय संघ के कई देशों के नेता, ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर, यूरोपीय काउंसिल और यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष, और नाटो के महासचिव भी शामिल होंगे। फिनलैंड के राष्ट्रपति एलेक्जेंडर स्टब्ब ने रविवार को सुझाव दिया कि यूरोपीय देशों को एक विशेष दूत नियुक्त करना चाहिए जो यूएस, रूस और यूक्रेन के बीच वार्ताओं में उनके हितों का प्रतिनिधित्व करे।बैठक में यूक्रेन के लिए सुरक्षा गारंटी पर भी चर्चा हो सकती है, जिसे यूरोपीय देशों के सहयोग से सुनिश्चित किया जा सकता है।
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फ्रांस के विदेश मंत्री ने रविवार को बताया कि फ्रांस, ब्रिटेन और पोलैंड की सेनाओं को यूक्रेन में तैनात करने पर विचार हो रहा है, ताकि भविष्य में संघर्षविराम की गारंटी दी जा सके। ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने सोमवार को घोषणा की कि उनका देश शांति सैनिकों को यूक्रेन भेजने के लिए तैयार है। स्वीडन के प्रधानमंत्री उल्फ क्रिस्टर्ससन ने भी कहा कि यदि वार्ता आगे बढ़ती है, तो उनका देश भी शांति सैनिकों का योगदान देने पर विचार करेगा। हालांकि, अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने यूरोपीय देशों को आश्वस्त किया कि किसी भी "वास्तविक वार्ता" में यूरोप और यूक्रेन को शामिल किया जाएगा।कीव को रियाद में होने वाली वार्ता में कोई निमंत्रण नहीं मिला है, लेकिन ज़ेलेन्स्की ने कहा कि वह बुधवार को सऊदी अरब जाएंगे और उम्मीद करते हैं कि ट्रंप से मिलने का समय तय किया जाएगा।