Edited By Harman Kaur,Updated: 24 Sep, 2024 02:38 PM
अमेरिका के एक शीर्ष भारत केंद्रित व्यापार पैरोकार रणनीतिक समूह ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिका यात्रा में प्रवासी समुदाय का उत्साह दिखा। साथ ही द्विपक्षीय साझेदारी में दोनों देशों की सरकारों की ओर से निरंतर आशावादी रुख एवं लोगों...
इंटरनेशनल डेस्क: अमेरिका के एक शीर्ष भारत केंद्रित व्यापार पैरोकार रणनीतिक समूह ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिका यात्रा में प्रवासी समुदाय का उत्साह दिखा। साथ ही द्विपक्षीय साझेदारी में दोनों देशों की सरकारों की ओर से निरंतर आशावादी रुख एवं लोगों के बीच आपसी संपर्क में गहरी मित्रता और अटूट बंधन की झलक दिखी।
PM मोदी अमेरिका की तीन दिवसीय यात्रा पर थे और इस दौरान उन्होंने शनिवार को विलमिंगटन में क्वाड (चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद) देशों के नेताओं के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया। रविवार को लॉन्ग आइलैंड में भारतीय-अमेरिकी समुदाय के हजारों सदस्यों के विशाल कार्यक्रम को संबोधित किया तथा सोमवार को संयुक्त राष्ट्र के ‘‘भविष्य का शिखर सम्मेलन'' को संबोधित किया। उन्होंने इन तीनों दिन विश्व के नेताओं के साथ द्विपक्षीय चर्चा भी की।
यूएस इंडिया स्ट्रैटजिक एंड पार्टनरशिप फोरम (USISPF) ने सोमवार को एक बयान में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी की हालिया यात्रा के दौरान प्रवासी समुदाय में उत्साह, साझेदारी में दोनों सरकारों की ओर से आशावादी रुख और लोगों के बीच परस्पर संबंध में गहराई एवं मित्रता का बंधन देखने को मिला।'' ‘मोदी एंड यूएस' सामुदायिक कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने 13,000 से अधिक भारतीय अमेरिकियों से खचाखच भरे नासाउ वेटरन्स कोलिजियम में उन्हें संबोधित किया। आयोजकों के अनुसार, 40 राज्यों से भारतीय अमेरिकी नागरिक आए थे, जिनमें से ज्यादातर न्यूयॉर्क और न्यूजर्सी से थे। USISPF ने भारत के साथ संबंधों को मजबूत करने के लिए राष्ट्रपति जो बाइडन को धन्यवाद दिया और इस बात पर जोर दिया कि अमेरिका में पांच नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनावों में जो भी उम्मीदवार जीतेगा, वह भारत के साथ रणनीतिक संबंधों को और गहरा करना जारी रखेगा।
समूह ने कहा, ‘‘एक मौजूदा राष्ट्रपति के रूप में बाइडन की प्रधानमंत्री मोदी के साथ यह आखिरी मुलाकात होगी। यह स्पष्ट है कि जनवरी 2025 में व्हाइट हाउस (अमेरिका के राष्ट्रपति का आधिकारिक कार्यालय एवं आवास) में जो भी आएगा, वह रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाना जारी रखेगा और अमेरिका की भू-रणनीतिक दृष्टि के तहत हिंद-प्रशांत को प्राथमिकता देगा।'' यूएसआईएसपीएफ ने कहा कि दोनों नेताओं ने दोनों लोकतंत्रों के साझा हितों को रेखांकित किया। समूह ने कहा, ‘‘हालांकि, 21वीं सदी की चुनौतियों के तत्काल समाधान के लिए उन हितों को साझा प्राथमिकताओं तक विस्तारित करना महत्वपूर्ण है।''