Edited By Rohini Oberoi,Updated: 30 Mar, 2025 12:34 PM

अमेरिका में सैकड़ों अंतरराष्ट्रीय छात्रों को अमेरिकी विदेश विभाग (DOS) से एक ईमेल प्राप्त हुआ है जिसमें उन्हें कैंपस एक्टिविज्म के कारण खुद को रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है। इस कदम से छात्रों में चिंता की लहर दौड़ गई है खासकर भारतीय छात्रों के बीच।
इंटरनेशनल डेस्क। अमेरिका में सैकड़ों अंतरराष्ट्रीय छात्रों को अमेरिकी विदेश विभाग (DOS) से एक ईमेल प्राप्त हुआ है जिसमें उन्हें कैंपस एक्टिविज्म के कारण खुद को रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है। इस कदम से छात्रों में चिंता की लहर दौड़ गई है खासकर भारतीय छात्रों के बीच।
रिपोर्ट के अनुसार ट्रंप प्रशासन के इस कदम में उन छात्रों को निशाना बनाया जा सकता है जिन्होंने कैंपस में विभिन्न गतिविधियों में भाग लिया या जिन्होंने सोशल मीडिया पर राष्ट्र-विरोधी पोस्ट शेयर या लाइक की थी।
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इमिग्रेशन अटॉनी ने इस बात की पुष्टि की है कि यह ईमेल उन छात्रों को भेजा गया है जिन्होंने कैंपस एक्टिविज्म में सक्रिय भाग लिया या किसी विवादित पोस्ट के साथ अपनी सहमति जाहिर की। इसके बाद अमेरिका सरकार ने सोशल मीडिया की समीक्षा करने के बाद इस कदम को उठाया है जिसमें दूतावास के अधिकारियों का भी सहयोग था।
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इस फैसले के बाद स्टूडेंट वीजा के लिए आवेदन करने वाले नए छात्रों को भी सोशल मीडिया की इस जांच का सामना करना पड़ेगा। यह कदम उन छात्रों को भी प्रभावित कर सकता है जो F (अकादमिक अध्ययन वीजा), M (वोकेशनल अध्ययन वीजा) या J (एक्सचेंज वीजा) के तहत अमेरिका आना चाहते थे।
अमेरिका में 2023-24 के दौरान लगभग 1.1 मिलियन अंतरराष्ट्रीय छात्र पढ़ाई कर रहे हैं जिनमें से 3.31 लाख भारतीय छात्र हैं। इस कदम से छात्र वीजा प्राप्त करने की प्रक्रिया पर असर पड़ सकता है और भविष्य में छात्रों को मुश्किलें आ सकती हैं।