विभाजन के कगार पर पाकिस्तान ! बलूचिस्तान होगा आजाद, पूर्व मुख्यमंत्री के दावे ने उड़ाई शहबाज सरकार की नींद

Edited By Tanuja,Updated: 01 Dec, 2024 04:35 PM

former balochistan cm says baloch people support independence from pakistan

पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के पूर्व मुख्यमंत्री नवाब असलम रईसानी के हालिया बयान ने पाकिस्तान सरकार की चिंता को और बढ़ा दिया है। रईसानी ने कहा है कि..

Peshawar: पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के पूर्व मुख्यमंत्री नवाब असलम रईसानी के हालिया बयान ने पाकिस्तान सरकार की चिंता को और बढ़ा दिया है। रईसानी ने कहा है कि बलूचिस्तान के अधिकांश लोग पाकिस्तान से स्वतंत्रता की मांग कर रहे हैं और एक बड़ा हिस्सा इस स्वतंत्रता के लिए सक्रिय रूप से प्रयास कर रहा है। उनका यह बयान इस क्षेत्र में बढ़ती असंतोष और आजादी की मांग को दर्शाता है, जो पाकिस्तान सरकार के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बन सकता है।  

 

बलूचिस्तान के लोग  चाहते हैं आजादी  
बलूचिस्तान के लोग लंबे समय से पाकिस्तान से अलग होने की मांग कर रहे हैं। यह क्षेत्र ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अपने आप में एक अलग पहचान रखता है, और पाकिस्तान के अन्य हिस्सों से राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से यह क्षेत्र पिछड़ा हुआ है। स्थानीय लोग अक्सर यह आरोप लगाते हैं कि पाकिस्तान सरकार ने इस क्षेत्र के संसाधनों का शोषण किया है और यहां के लोगों को उनके अधिकार नहीं दिए हैं। पाकिस्तान के बलूचिस्तान में प्राकृतिक संसाधनों की प्रचुरता है, जैसे गैस, तेल, खनिज, और समुद्र तट, लेकिन इन संसाधनों का अधिकांश हिस्सा पाकिस्तान की अन्य हिस्सों में भेजा जाता है, और स्थानीय लोग इनसे लाभ नहीं उठा पाते। इसके परिणामस्वरूप, बलूचिस्तान के लोग लंबे समय से स्वतंत्रता की मांग कर रहे हैं।  


 
पूर्व मुख्यमंत्री नवाब असलम रईसानी ने खोली पोल
पूर्व मुख्यमंत्री नवाब असलम रईसानी ने हाल ही में एक बयान में कहा, "बलूच लोगों का एक बड़ा हिस्सा पाकिस्तान से स्वतंत्रता के पक्ष में है और वे इस दिशा में सक्रिय रूप से कदम उठा रहे हैं।" रईसानी के अनुसार, बलूचिस्तान में मौजूदा राष्ट्रवादी दलों का प्रभाव बहुत सीमित हो गया है, और इन दलों ने अपनी राजनीतिक महत्वता खो दी है। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान सरकार ने बलूचों के अधिकारों की उपेक्षा की है और उनका शोषण किया है, जिससे इस क्षेत्र में असंतोष बढ़ा है।   उन्होंने बलूच राष्ट्र को तीन अलग-अलग गुटों में बांटा।

 

  1. पहले गुट  में वे लोग शामिल हैं जो बलूचिस्तान की स्वतंत्रता की सक्रिय रूप से वकालत करते हैं और पाकिस्तान से अलग होने के पक्ष में हैं।  
  2.  दूसरा गुट पाकिस्तान सरकार के प्रति वफादार है और इसमें वे लोग शामिल हैं जो व्यक्तिगत स्वार्थों या सत्ता की इच्छा से प्रेरित हैं।  
  3.  तीसरा गुट उन राष्ट्रवादी दलों का है जो संघ के भीतर स्वायत्तता और संसाधन नियंत्रण की वकालत करते हैं, लेकिन रईसानी ने इसे कमजोर और प्रभावहीन बताया।  
     

 बलूच युवाओं  के बढ़ते अपहरण  गंभीर समस्या
बलूचिस्तान में एक और गंभीर समस्या है, जो हाल के वर्षों में बढ़ती जा रही है, वह है बलूच युवाओं का  जबर्दस्ती गायब होना । बलूच यखजेती समिति (BYC) ने हाल ही में अपनी रिपोर्ट में बलूच युवाओं के लापता होने की घटनाओं को उजागर किया। समिति के अनुसार, पाकिस्तान के सुरक्षा बलों द्वारा बलूच युवाओं को गायब करने की घटनाएं बढ़ रही हैं, जिससे उनके परिवारों पर गंभीर मानसिक और शारीरिक दबाव बन रहा है।  बीवाईसी के अनुसार, कई बलूच युवक गायब हो गए हैं, जिनमें **उथल बाजार से बलच, बयान, नासिर और गुलाब बलूच ,  लासबेला विश्वविद्यालय के छात्र , और  असकानी बाजार, तुर्बत, केच से निसार बलूच और सलीम बलूच  शामिल हैं।

 

इसके अलावा  जेवानी, ग्वादर से फकीर मुहम्मद, दाद मुहम्मद और दुर्जन बलूच  और  कराची से परवेज समद, सिद्दीक अहमद भी गायब हुए हैं। ये घटनाएं सुरक्षा बलों द्वारा बलूच प्रतिरोध को कुचलने और उन्हें दबाने के प्रयासों का हिस्सा मानी जा रही हैं। बलूचिस्तान में बढ़ता असंतोष, जबरन गायब होने की घटनाएं, और स्वतंत्रता की बढ़ती मांग पाकिस्तान सरकार के लिए एक गंभीर चुनौती बन सकती है। बलूचिस्तान की स्वायत्तता की मांग और पाकिस्तान से अलग होने की भावना क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की छवि को प्रभावित कर सकती है।   

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