Edited By Tanuja,Updated: 07 Jul, 2024 01:52 PM
इंसानों को चांद पर पहुंचाने के बाद उनको अब मंगल ग्रह पर बसाने की योजना पर काम शुरू हो गया है। अगर सब कुछ सही रहा तो अगले सात साल यानि 2030 तक लाल ग्रह पर इंसानों को भेजना शुरू हो जाएगा....
इंटरनेशनल डेस्कः इंसानों को चांद पर पहुंचाने के बाद उनको अब मंगल ग्रह पर बसाने की योजना पर काम शुरू हो गया है। अगर सब कुछ सही रहा तो अगले सात साल यानि 2030 तक लाल ग्रह पर इंसानों को भेजना शुरू हो जाएगा। मंगल ग्रह पर इंसान कैसे रह पाएंगे, इसी को लेकर एक ट्रायल किया गया जिसके लिए NASA ने चार लोगों को चुना जिनमें कनाडाई जीवविज्ञानी केली हेस्टन भी शामिल थीं। अब एक साल बाद नासा के अंतरिक्ष यात्री एक अनोखा अनुभव करके वापस आ चुके हैं। नासा के जॉनसन स्पेस सेंटर के उप निदेशक स्टीव कोर्नर ने कहा, 'हम लोगों को मंगल ग्रह पर भेजने की तैयारी कर रहे हैं।'
नासा के एक अंतरिक्ष यात्री ने एक दरवाजे के पीछे से तीन बार जोर से पूछा कि क्या आप बाहर आने के लिए तैयार हैं? उनका उत्तर तब साफ सुनाई देता है, जब दरवाजा खुलता है। दरअसल, नासा के चार वैज्ञानिक एक साल तक इंसानी संपर्क से दूर रहकर वापस लौट आए हैं। उनके आते ही तालियों की गड़गड़ाहट से माहौल गूंज उठता है। बता दें, नासा मंगल ग्रह पर मानव अन्वेषण की तैयारी कर रहा है। इसी के लिए एक खास कमरा बनाया गया था। ह्यूस्टन के जॉनसन स्पेस सेंटर में एक घर तैयार किया गया था। इसमें चार लोगों के रहने की व्यवस्था है। इस घर को मंगल ग्रह के हालात जैसा बनाया गया था। एंका सेलारियू, रॉस ब्रॉकवेल, नाथन जोन्स और टीम लीडर केली हेस्टन ने इस घर में करीब 378 दिन बिताए। इस दौरान इन लोगों ने सब्जियां उगाईं। वहीं मार्सवॉक भी किया।
इस एक साल में सबसे ज्यादा इन लोगों के लिए कठिन था अपने परिवार से इतने दिन दूर रहना। यह एक तरह से ऐसा अनुभव था, जब महामारी के तरह लॉकडाउन लगा था। चारों लोग जब शनिवार को इस घर से बाहर निकले तो उनके चेहरे पर मुस्कान थी। उनके बाल थोड़े अधिक बिखरे हुए थे। मगर उनकी खुशी साफ देखी जा सकती थी। केली हेस्टन ने हंसते हुए कहा, 'हेलो, आप लोगों से फिर हेलो करना वाकई शानदार है।'
डॉक्टर जोन्स ने कहा, 'मैं आशा करता हूं कि आप सभी के सामने यहां खड़े होकर रोऊंगा नहीं।' उन्होंने भीड़ में अपनी पत्नी को देखा और वैसे ही उनको रोना आ गया। क्रू हेल्थ एंड परफॉर्मेंस एक्सप्लोरेशन एनालॉग (CHAPEA) का मार्स ड्यून अल्फा ह्यूस्टन एक 3डी प्रिंटेड 1,700 वर्ग फुट का कक्ष है। इसका उद्देश्य मंगल ग्रह की सतह पर उनके आवास का अनुकरण करना है।इसमें चार बेडरूम हैं। इसके अलावा जिम, किचन, रिसर्च सेंटर बनाया गया है। इस घर को एयरलॉक द्वारा अलग किया गया। यहां पर चारों ने मार्स वॉक की भी प्रैक्टिस की।