बंदूक की नोंक पर नहीं मिटा सकते सीमा, फ्रांस-जर्मनी ने ट्रंप को चेताया; ग्रीनलैंड पर सुनाई खरी खोटी

Edited By Pardeep,Updated: 09 Jan, 2025 02:24 AM

france germany warned trump lashed out on greenland

अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ग्रीनलैंड को अमेरिका में मिलाने की धमकी पर फ्रांस और जर्मनी ने कड़ी आपत्ति जताई है और साफ शब्दों में चेतावनी दी है कि वह किसी भी देश की संप्रभुता को बल प्रयोग से समाप्त नहीं कर सकते।

इंटरनेशनल डेस्कः अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ग्रीनलैंड को अमेरिका में मिलाने की धमकी पर फ्रांस और जर्मनी ने कड़ी आपत्ति जताई है और साफ शब्दों में चेतावनी दी है कि वह किसी भी देश की संप्रभुता को बल प्रयोग से समाप्त नहीं कर सकते। यूरोपीय देशों की यह प्रतिक्रिया तब आई है, जब ट्रंप ने मंगलवार को कहा कि वह हर हाल में ग्रीनलैंड को अमेरिका में शामिल करने के इच्छुक हैं, और इसके लिए उन्होंने सैन्य कार्रवाई तक की धमकी दी थी।

यह बयान उन टिप्पणियों के बाद आया है, जिनमें ट्रंप ने ग्रीनलैंड, कनाडा और पनामा नहर पर अमेरिकी कब्जे की बात की है। ट्रंप का कहना है कि ये इलाके अमेरिका के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हैं, और उनका मानना है कि इन क्षेत्रों का अधिग्रहण अमेरिका के हित में होगा। ग्रीनलैंड, जिसे डेनमार्क का स्वायत्त क्षेत्र माना जाता है, पर ट्रंप की टिप्पणी ने वैश्विक स्तर पर हलचल मचा दी है।

ग्रीनलैंड के प्रधानमंत्री म्यूट इगा पहले ही इस मुद्दे पर अपनी स्थिति स्पष्ट कर चुके हैं। उन्होंने कहा था कि ग्रीनलैंड उनके लोगों का है और यह 'बिकाऊ' नहीं है। इसके बावजूद, ट्रंप का कहना है कि वह ग्रीनलैंड को अपने अधिकार में लाने के लिए किसी भी कदम को उठाने को तैयार हैं।

फ्रांस के विदेश मंत्री जीन-नोएल बैरोट ने इस मुद्दे पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने फ्रांस इंटर रेडियो से बात करते हुए कहा, "विश्व में किसी भी देश को, चाहे वह कोई भी हो, अपनी संप्रभु सीमाओं पर हमला करने की अनुमति देना मुमकिन नहीं है।" बैरोट ने आगे कहा, "हम एक मजबूत महाद्वीप हैं और हमें अपने आप को और मजबूत करने की जरूरत है।" उन्होंने ग्रीनलैंड को यूरोपीय क्षेत्र करार देते हुए कहा कि यह डेनमार्क के जरिए यूरोपीय यूनियन से जुड़ा हुआ है, और किसी भी देश को इस पर दावा करने का अधिकार नहीं है।

बर्लिन में जर्मन सरकार के प्रवक्ता स्टीफन हेबेस्ट्रेट ने भी ट्रंप की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दी और कहा, "यहां पर वही पुराना सिद्धांत लागू होता है कि कोई भी देश अपनी सीमा को न तो बलपूर्वक मिटा सकता है और न ही उसे स्थानांतरित कर सकता है।"

ट्रंप के ग्रीनलैंड को अमेरिका में शामिल करने के बयान पर पूरी दुनिया में व्यापक आलोचना हो रही है, खासकर यूरोप से। अंतरराष्ट्रीय समुदाय में यह चिंता बढ़ रही है कि यदि ऐसे आक्रमक और विस्तारवादी बयान जारी रहते हैं, तो यह वैश्विक राजनीति और सुरक्षा के लिए जोखिम पैदा कर सकता है।

यह मुद्दा अब सिर्फ एक द्विपक्षीय समस्या नहीं बल्कि एक वैश्विक चिंता का विषय बन गया है, और यूरोपीय देशों ने ट्रंप की नीति को लेकर अपनी चिंता जाहिर की है। इसके अलावा, इस बात की भी चर्चा है कि ट्रंप के विदेश नीति में इस प्रकार के विवादों से अमेरिका की अंतरराष्ट्रीय स्थिति और प्रभाव पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है।

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