Edited By Tanuja,Updated: 17 Sep, 2024 05:47 PM
फ्रांस में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को सत्ता से हटाने के प्रयास तेज हो गए हैं। फ्रांस की नेशनल असेंबली के निचले सदन में मैक्रों के खिलाफ...
International Desk: फ्रांस में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को सत्ता से हटाने के प्रयास तेज हो गए हैं। फ्रांस की नेशनल असेंबली के निचले सदन में मैक्रों के खिलाफ महाभियोग पर एक प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा। यह प्रस्ताव मंगलवार को वामपंथी पार्टी "ला फ्रांस इंन्सोमिस" (LFI) ने पेश किया । यह कदम तब उठाया गया जब मैक्रों ने जुलाई में हुए संसदीय चुनावों में वामपंथी दलों की जीत के बावजूद उन्हें सरकार में शामिल करने से इनकार कर दिया। संविधान के अनुच्छेद 68 के तहत यह प्रस्ताव लाया गया है, जिसमें कहा गया है कि अगर राष्ट्रपति अपने कर्तव्यों का उल्लंघन करते हैं, तो उन्हें पद से हटाया जा सकता है।
इस प्रस्ताव को 81 सदस्यों, जिनमें से 72 LFI के सांसद और कुछ अन्य वामपंथी दलों के सदस्य हैं, का समर्थन मिला है। इस प्रस्ताव को असेंबली के 22 सदस्यीय कार्यकारी निकाय के सामने रखा गया, जहां वामपंथी दलों का बहुमत है। हालांकि, सोशलिस्ट पार्टी ने इसका समर्थन करने से इनकार कर दिया है, और पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद समेत कई प्रमुख राजनेताओं ने भी इसका विरोध किया है। अगर प्रस्ताव सफल होता है, तो इसे दो-तिहाई बहुमत के साथ संसद के दोनों सदनों (असेंबली और सीनेट) से पास करना होगा।
अगर यह प्रक्रिया पूरी होती है, तो राष्ट्रपति मैक्रों को तत्काल इस्तीफा देना पड़ेगा। लेकिन ऐसा होने की संभावना कम है क्योंकि वामपंथी दलों के पास पर्याप्त बहुमत नहीं है। इसके अलावा, मैक्रों द्वारा केंद्र-दक्षिणपंथी नेता मिशेल बार्नियर को प्रधानमंत्री नियुक्त करने के फैसले से देशभर में 7 सितंबर को बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए। प्रदर्शनकारियों ने मैक्रों पर चुनाव परिणामों की अवहेलना का आरोप लगाया। 1 अक्टूबर को और बड़े प्रदर्शनों और हड़तालों की संभावना जताई जा रही है।