जर्मन चांसलर ने पुतिन से यूक्रेन युद्ध पर की बात; भड़क गए ज़ेलेंस्की, बोले- यह "पेंडोरा बॉक्स खोलने" जैसा

Edited By Tanuja,Updated: 16 Nov, 2024 12:45 PM

german chancellor scholz urges putin to end war in ukraine

जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज़ ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से यूक्रेन युद्ध को लेकर घंटों बीतचीत की ।   शोल्ज़ ने  पुतिन से यूक्रेन  में...

International Desk: जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज़ ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से यूक्रेन युद्ध को लेकर घंटों बीतचीत की ।   शोल्ज़ ने  पुतिन से यूक्रेन  में "न्यायपूर्ण और स्थायी शांति" लाने के लिए बातचीत शुरू करने की अपील की है। यह बातचीत दोनों नेताओं के बीच लगभग दो साल बाद हुई। हालांकि, इस कॉल पर यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने नाराजगी जताई और इस बातचीत को  पुतिन के "अलगाव को तोड़ने" की कोशिश ृव "पेंडोरा बॉक्स खोलने" जैसा बताया।   उन्होंने कहा, "यह वही है जो पुतिन लंबे समय से चाहते थे। इस तरह उनकी अलगाव की स्थिति कमजोर हो रही है।" यूक्रेनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि शांति के लिए मजबूत कदम और दबाव की जरूरत है, न कि "समझौतों की कोशिश", जिसे पुतिन कमजोरी समझते हैं।  

 

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शोल्ज़ ने पुतिन से एक घंटे की बातचीत
एक घंटे की बातचीत में शोल्ज़ ने पुतिन से रूसी सेना को यूक्रेन से हटाने और संघर्ष समाप्त करने की मांग की। जर्मनी के प्रवक्ता ने बताया कि शोल्ज़ ने पुतिन पर यूक्रेन के साथ बातचीत करने और युद्ध समाप्त करने का दबाव डाला। इसके साथ ही, उन्होंने यूक्रेन की रक्षा के लिए जर्मनी के अटूट समर्थन को दोहराया। ज़ेलेंस्की ने शोल्ज़ को इस बातचीत के खिलाफ चेतावनी दी थी, उनका कहना था कि इससे पुतिन को फायदा होगा। यूक्रेन के विदेश मंत्रालय ने इसे "समझौते की कोशिश" करार दिया। ज़ेलेंस्की ने कहा कि पुतिन शांति नहीं चाहते, बल्कि केवल युद्ध में विराम चाहते हैं। क्रेमलिन के प्रवक्ता ने कहा कि पुतिन ने बातचीत में यूक्रेन के "नए क्षेत्रीय यथार्थ" को स्वीकार करने की शर्त रखी। पुतिन ने यह भी कहा कि किसी भी शांति समझौते में संघर्ष के कारणों को समझना और हल करना होगा। 

 

शोल्ज़ और पुतिन की बातचीत के मुख्य पहलू

  •  शोल्ज़ ने बातचीत के दौरान रूस की आक्रामकता की निंदा की और पुतिन से युद्ध खत्म करने और अपनी सेना को वापस बुलाने की अपील की।  
  •  उन्होंने पुतिन से "न्यायपूर्ण और स्थायी शांति" के लिए यूक्रेन के साथ बातचीत शुरू करने की मांग की।  
  •  क्रेमलिन ने पुष्टि की कि यह बातचीत जर्मनी की पहल पर हुई थी।  इस पर  पुतिन ने कहा कि किसी भी समझौते में रूस की सुरक्षा चिंताओं और "नए क्षेत्रीय यथार्थ" को शामिल करना जरूरी है। 
  •  रूस ने यूक्रेन से चार क्षेत्रों को अपने नियंत्रण में स्वीकार करने की शर्त रखी, जिसे यूक्रेन ने खारिज कर दिया।  

 

यूक्रेन को अमेरिकी समर्थन की चिंता
जर्मनी के बाद अमेरिका यूक्रेन का सबसे बड़ा समर्थक है, लेकिन डोनाल्ड ट्रंप की चुनावी जीत के बाद यूक्रेन को अमेरिकी समर्थन पर अनिश्चितता है। ट्रंप ने प्रचार अभियान में यूक्रेन को दी जा रही भारी आर्थिक सहायता की आलोचना की थी और कहा था कि वे युद्ध को "24 घंटे में" खत्म कर सकते हैं। 

 

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चुनाव जीतने के बाद ट्रंप और ज़ेलेंस्की ने फोन पर चर्चा की।
ज़ेलेंस्की ने कहा कि ट्रंप की नीतियां युद्ध को जल्द खत्म करने में मदद कर सकती हैं। हालांकि, यूक्रेन को डर है कि अमेरिका के समर्थन में कमी आने से उसे रूस के साथ क्षेत्रीय समझौता करने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है।यह कॉल ऐसे समय में हुई जब जर्मनी में शोल्ज़ की सरकार गिरने के बाद देश में मध्यावधि चुनाव की तैयारी चल रही है।

   

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