Edited By Harman Kaur,Updated: 25 Mar, 2025 12:29 PM

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की धमकियों और वैश्विक संकटों के बीच जर्मनी ने अपने रक्षा बजट को बढ़ाने का ऐलान किया है। यह कदम द्वितीय विश्व युद्ध के बाद 80 वर्षों में जर्मनी द्वारा उठाया गया ऐसा पहला बड़ा कदम है।
नेशनल डेस्क: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की धमकियों और वैश्विक संकटों के बीच जर्मनी ने अपने रक्षा बजट को बढ़ाने का ऐलान किया है। यह कदम द्वितीय विश्व युद्ध के बाद 80 वर्षों में जर्मनी द्वारा उठाया गया ऐसा पहला बड़ा कदम है।
नवनिर्वाचित चांसलर फ्रेडरिक मत्ज ने घोषणा की है कि जर्मनी अपनी जीडीपी का 3.5% रक्षा पर खर्च करेगा, जो वर्तमान बजट से लगभग दोगुना है। वर्तमान में जर्मनी का रक्षा बजट जीडीपी का करीब 2% है। चांसलर मत्ज ने कहा कि यह निर्णय जर्मनी के सैन्य बल को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए है और इसे 'ऐतिहासिक मोड़' के रूप में देखा जा रहा है। उल्लेखनीय है कि 2005 में जर्मनी का रक्षा बजट केवल 1.1% था। 2024 में जर्मनी का रक्षा बजट 8.5 लाख करोड़ रुपए था, और नए बजट में इसको और बढ़ाने का प्रस्ताव है।
नए बजट में फोकस
नई योजना के तहत जर्मनी का ध्यान मुख्य रूप से आधुनिक सैन्य उपकरणों और बुनियादी ढांचे को मजबूत करने पर होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि सिर्फ बजट बढ़ाना ही पर्याप्त नहीं होगा, बल्कि इसके साथ सेना में जवानों की संख्या बढ़ाना भी जरूरी होगा।
सेना की स्थिति
जर्मनी की सेना की स्थिति भर्ती में कमी के कारण चुनौतीपूर्ण बनी हुई है। जर्मनी की सेना में वर्तमान में 181,174 सैनिक हैं, जो सेना के लक्ष्य से काफी कम है। इसके अलावा, सेना की औसत आयु 32 वर्ष से बढ़कर 34 वर्ष हो गई है। 2011 में जर्मनी ने अनिवार्य सैन्य सेवा को समाप्त कर दिया था, लेकिन अब इसको फिर से शुरू करने की मांग उठ रही है।
56 लाख करोड़ रुपए का निवेश
नई योजना के तहत जर्मनी अगले 10 वर्षों में रक्षा क्षेत्र पर 56 लाख करोड़ रुपए खर्च करने की योजना बना रहा है।
यूरोपीय देशों का भी रक्षा बजट बढ़ाना
जर्मनी के अलावा, अन्य यूरोपीय देश जैसे फ्रांस, पोलैंड और ब्रिटेन भी अपने रक्षा बजट में वृद्धि कर रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यूरोप में अब एक नई सैन्य दौड़ शुरू हो गई है।
जर्मनी का रुख
जर्मनी के एक हालिया सर्वेक्षण के मुताबिक, 66% लोग सेना के लिए खर्च बढ़ाने के पक्ष में हैं। नवनिर्वाचित चांसलर मत्ज ने कहा कि जर्मनी अब यूरोप में स्वतंत्रता और शांति की रक्षा के लिए एक प्रमुख नेतृत्व भूमिका निभाने के लिए तैयार है।