अमेरिका से आ गई अच्छी खबर, अब कम होगी आपकी EMI

Edited By Yaspal,Updated: 23 Aug, 2024 08:26 PM

good news has come from america now your emi will be reduced

भारत में Home Loan, Auto Loan, Personal Loan और Education Loan लेने वालों के लिए अमेरिका से अच्छी खबर आ गई है। फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जैरम पॉवेल ने जल्द ही अमेरिका में ब्याजदरों में कटौती करने का संकेत दिया है।

इंटरनेशनल डेस्कः भारत में Home Loan, Auto Loan, Personal Loan और Education Loan लेने वालों के लिए अमेरिका से अच्छी खबर आ गई है। फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जैरम पॉवेल ने जल्द ही अमेरिका में ब्याजदरों में कटौती करने का संकेत दिया है। फेडरल रिजर्व की बैठक के बाद शुक्रवार शाम पॉवेल ने कहा कि अब ये समय आ गया है कि मॉनिटरी पॉलिसी को रिव्यू किया जाए और ब्याजदरों में कटौती की जाए।

अमेरिका में यदि ब्याजदरों में कटौती होती है तो इसका भारत समेत पूरी दुनिया पर असर पड़ेगा और भारत में भी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ब्याजदरों में कटौती की शुरुआत कर सकता है। ऐसी स्थिति में देश में Home Loan, Auto Loan, Personal Loan और Education Loan समेत तमाम तरह के कर्ज सस्ते हो जाएंगे और जिनका लोन पहले से चल रहा है उनकी ईएमआई कम हो जाएगी।

महंगाई दर में आई बड़ी गिरावट
गौरतलब है कि हाल ही में जुलाई महीने की महंगाई के आंकड़े में गिरावट देखी गई है और महंगाई का आंकड़ा कम होकर 3.54 प्रतिशत रह गया है। जून में महंगाई दर 5.08 प्रतिशत थी। हालांकि, बाजार को महंगाई दर 3.65 प्रतिशत रहने की उम्मीद थी। इसी प्रकार होलसेल प्राइस इंडेक्स यानी कि थोक महंगाई भी जुलाई में 2.04 प्रतिशत रही है। जून में थोक महंगाई की दर 3.36 प्रतिशत थी। महंगाई दर के आंकड़े बाजार की उम्मीद से भी बेहतर रहे हैं। ऐसे में महंगाई की दर आरबीआई के निर्धारित लक्ष्य 2 से 4 प्रतिशत के बीच आ गई है।

आरबीआई ने 4 मई 2022 से ब्याजदरों में वृद्धि की शुरूआत की थी। इसके बाद जून 2022, अगस्त 2022, सितंबर 2022, दिसंबर 2022 और फरवरी 2023 में ब्याजदरों में लगातार वृद्धि की गई है। इस बीच रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने एक बार भी ब्याजदरों मे कटौती नहीं की है और मई 2022 के बाद 27 महीने से देश में लोगों को कर्ज महंगा ही मिल रहा है। फिलहाल आरबीआई द्वारा रेपो रेट 6.50 प्रतिशत तय की गई है। जबकि रिवर्स रेपो रेट 3.35 प्रतिशत है। अब आने वाले दिनों में यदि आरबीआई इन दरों में कटौती करेगा तो इससे लोन सस्ता होना तय है।

इस बीच अमेरिका में मार्च 2022 से लेकर जुलाई 2023 के बीच 13 बार ब्याजदरो में वृद्धि की गई है और पिछले 1 साल से ब्याजदरें स्थिर हैं। ब्याजदरें लगातार ऊंची रहने से पूरी दुनिया में जीडीपी पर इसका असर पड़ रहा है। लिहाजा कई देशों ने ब्याजदरों में कमी शुरू कर दी है। बैंक ऑफ कनाडा ने पिछले दो महीनों में दो बार ब्याजदरों में कटौती की है। जबकि यूरोपियन बैंक भी ब्याजदरों में कटौती कर चुका है। ऐसे में माना जा रहा है कि फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याजदरें कम करने के बाद इसका असर एशियाई देशों में भी नजर आएगा।  
 

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