Edited By Parveen Kumar,Updated: 12 Jan, 2025 09:48 PM
चीन ने रविवार को बताया कि एचएमपीवी (ह्यूमन माइटोकॉन्ड्रियल पैथोजेन वायरस) संक्रमण के मामलों में कमी आई है। एक रिपोर्ट के अनुसार, चीनी रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक वांग लिपिंग ने कहा कि एचएमपीवी में कोई नया वायरस नहीं है, यह...
इंटरनेशनल डेस्क : चीन ने रविवार को बताया कि एचएमपीवी (ह्यूमन माइटोकॉन्ड्रियल पैथोजेन वायरस) संक्रमण के मामलों में कमी आई है। एक रिपोर्ट के अनुसार, चीनी रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक वांग लिपिंग ने कहा कि एचएमपीवी में कोई नया वायरस नहीं है, यह दशकों से लोगों में पाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि हाल के वर्षों में इसके मामलों में वृद्धि देखी गई है, लेकिन अब मामलों में कमी आ रही है।
वांग ने कहा कि इस वायरस के मामले उत्तर चीन के प्रांतों में तेजी से घटे हैं और 14 साल से कम उम्र के बच्चों में इसके फैलने के मामले अब कम हो गए हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि 5 साल से कम उम्र के बच्चों को इस वायरस से बचाए रखना जरूरी है।
चीन में पिछले साल के मुकाबले इस साल एचएमपीवी के मामलों में कमी आई है। स्वास्थ्य विभाग के डिप्टी डायरेक्टर गाओ शिनकियांग ने कहा कि देशभर के क्लीनिकों और इमरजेंसी में मरीजों की संख्या बढ़ी है, लेकिन यह पिछले साल की तुलना में अभी भी कम है। उन्होंने यह भी बताया कि मेडिकल सुविधाओं में कोई कमी नहीं है।
एचएमपीवी एक सामान्य वायरस है जो सर्दी और बुखार जैसे लक्षण उत्पन्न करता है। यह वायरस 1970 के दशक से मनुष्यों में फैल रहा है, लेकिन इसकी पहचान वैज्ञानिकों ने 2001 में की थी। भारत में भी हाल ही में इसके कुछ मामले सामने आए हैं, लेकिन सरकार ने इसे लेकर कोई खास चिंता जताने की आवश्यकता नहीं बताई है।
सोशल मीडिया पर चीन के अस्पतालों में मरीजों की लंबी लाइनों की तस्वीरें वायरल हो गई थीं, जिसके बाद दुनियाभर में इस वायरस को लेकर चिंता बढ़ गई थी। हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि उसे किसी भी जगह से इस वायरस का भयंकर संक्रमण होने की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है।