Edited By Tanuja,Updated: 09 Feb, 2025 08:20 PM
![grim warning writer warns of declining population in saudi arabia](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2025_2image_15_47_279965774saudi-ll.jpg)
दुनिया के कई देश घटती जनसंख्या की समस्या से जूझ रहें हैं। चीन और जापान के बाद अब एक मुस्लिम देश भी इसी संकट से जूझ रहा है। इस लिस्ट में खाड़ी देश सऊदी अरब उभर कर सामने आया है...
Riyadh: दुनिया के कई देश घटती जनसंख्या की समस्या से जूझ रहें हैं। चीन और जापान के बाद अब एक मुस्लिम देश भी इसी संकट से जूझ रहा है। इस लिस्ट में खाड़ी देश सऊदी अरब उभर कर सामने आया है। दुनियाभर से लोग यहां पैसा कमाने जाते हैं लेकिन पवित्र मक्का मदीना वाला यह देश जन्म दर (Birth rate) गिरने कारण विलुप्त होने की कगार पर पहुंच सकता है। ये चेतावनी देते हुए विशेषज्ञ व सऊदी लेखक मंसूर अल दबान कहा है कि यदि यह प्रवृत्ति जारी रही तो भविष्य में सऊदी के अस्तित्व पर खतरा मंडरा सकता है। उनके लेख में संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों का हवाला दिया गया, जिसमें दर्शाया गया कि 1950 की तुलना में 2023 तक सऊदी अरब में जन्म दर में 67 प्रतिशत की भारी गिरावट दर्ज की गई है।
उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने जन्म दर बढ़ाने के विशेष उपायों पर ध्यान न दिया तो यह संकट देश के अस्तित्व पर भारी पड़ सकता है। 1950 में प्रति 1,000 लोगों पर जन्म दर 53.34 थी, लेकिन 2023 तक यह गिरकर 15.7 हो गई। केवल 2022 से 2023 के बीच ही इसमें 2.88 प्रतिशत की गिरावट आई है, जो अत्यंत चिंताजनक है। मंसूर अल दबान ने यूएई के शारजाह विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए अध्ययन अरब दुनिया में मानव प्रजनन दर में महामारी संबंधी गिरावट" का भी हवाला दिया। इस अध्ययन में 2011 से 2021 तक अरब देशों की प्रजनन दर का विश्लेषण किया गया, जिसमें यह पाया गया कि लगभग सभी अरब देशों में जन्म दर घट रही है।
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा "अगर समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो 2100 से पहले ही सऊदी जनसंख्या गंभीर संकट में आ सकती है।" उन्होंने इस समस्या के लिए शादी में देरी, बच्चों के जन्म में देरी, शादी से बचने की प्रवृत्ति और बढ़ती बांझपन को जिम्मेदार ठहराया है । सऊदी सरकार के जनरल अथॉरिटी फॉर स्टैटिस्टिक्स के अनुसार राज्य की कुल जनसंख्या 35 मिलियन से अधिक हो चुकी है। रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 के मध्य तक सऊदी अरब की जनसंख्या 35.3 मिलियन तक पहुंच जाएगी, जो पिछले वर्ष की तुलना में 1.6 मिलियन की वृद्धि होगी। लेकिन चिंताजनक बात यह है कि इस वृद्धि का केवल 24.4 प्रतिशत ही सऊदी नागरिकों से आया है, जबकि बाकी वृद्धि प्रवासी आबादी की वजह से हुई है।
प्रजनन दर में भारी गिरावट
2024: प्रति 1,000 महिलाओं पर 2.7 जन्म
2011: प्रति 1,000 महिलाओं पर 3.8 जन्म
जबकि गैर-सऊदी महिलाओं की जन्म दर 2024 में प्रति 1,000 महिलाओं पर 0.8 जन्म रही।
ह साफ दर्शाता है कि सऊदी नागरिकों की जन्म दर तेजी से घट रही है, जबकि प्रवासी आबादी में वृद्धि हो रही है।
क्या हैं कारण?
- अधिकांश महिलाएं उच्च शिक्षा और करियर पर ध्यान दे रही हैं, जिससे शादी की उम्र बढ़ रही है।
- लोग पारंपरिक रूप से जल्दी शादी करने से बच रहे हैं, जिससे जन्म दर प्रभावित हो रही है।
- सऊदी अरब में महंगाई बढ़ रही है और परिवार पालना पहले की तुलना में महंगा हो गया है।
- स्वास्थ्य कारणों और जीवनशैली में बदलाव के चलते प्रजनन दर प्रभावित हो रही है।
- नई पीढ़ी पहले की तुलना में छोटे परिवारों को प्राथमिकता दे रही है।
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यह प्रवृत्ति जारी रही तो ...
- 2100 तक सऊदी नागरिकों की जनसंख्या अत्यधिक घट सकती है।
- देश में प्रवासियों की संख्या बढ़ सकती है, जिससे सांस्कृतिक और सामाजिक संरचना में बदलाव हो सकता है।
- राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था पर असर पड़ सकता है, क्योंकि कामकाजी सऊदी नागरिकों की संख्या कम होगी।
इस खतरे से निपटने के लिए संभावित उपाय
- परिवार को बढ़ावा देने वाली नीतियां लागू करना।
- शादी और बच्चों के जन्म को प्रोत्साहित करने के लिए वित्तीय सहायता देना।
- महिलाओं और पुरुषों के लिए अनुकूल पारिवारिक वातावरण बनाना।
- प्रजनन स्वास्थ्य और चिकित्सा सुविधाओं में सुधार करना ।