Edited By Tanuja,Updated: 21 Nov, 2024 05:18 PM
अमेरिका-कनाडा सीमा पार करते समय बर्फबारी में जमकर मारे गए एक भारतीय परिवार की घटना ने मानव तस्करी के भयावह नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। इस मामले में भारतीय नागरिक हर्षकुमार ....
New York: अमेरिका-कनाडा सीमा पार करते समय बर्फबारी में जमकर मारे गए एक भारतीय परिवार की घटना ने मानव तस्करी के भयावह नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। इस मामले में भारतीय नागरिक हर्षकुमार रमनलाल पटेल (29) और फ्लोरिडा निवासी स्टीव शैंड (50) के खिलाफ सुनवाई चल रही है। बर्फीले तूफान के बीच अमेरिका-कनाडा सीमा पार करने वाले भारतीय नागरिक ने बताया है कि एक परिवार के चार लोगों की बर्फ में जमने से मौत होने के कुछ ही देर के अंदर वह उनसे अलग हो गया था। भारतीय नागरिक हर्षकुमार रमनलाल पटेल (29) और फ्लोरिडा के निवासी स्टीव शेंड (50) के खिलाफ जारी मुकदमे की सुनवाई के तीसरे दिन बुधवार को यश पटेल (23) नामक व्यक्ति ने यह गवाही दी।
अभियोजकों का कहना है कि आरोपियों ने दिसंबर 2021 से जनवरी 2022 के बीच पांच सप्ताह के दौरान मिनेसोटा में भारतीय प्रवासियों को तस्करी के जरिए सीमा पार कराने के प्रयास के दौरान मानव जीवन के बजाय वित्तीय लाभ को तरजीह दी। अभियोजकों के अनुसार रमनलाल पटेल तस्करी योजना का हिस्सा था और उसने शैंड से वाहन चालक के तौर पर काम लिया था। दोनों व्यक्तियों ने मानव तस्करी से संबंधित चार मामलों में अपना अपराध स्वीकार नहीं किया है। संघीय अभियोजकों का कहना है कि जगदीश पटेल (39) उनकी पत्नी वैशालीबेन (लगभग 30 वर्ष), बेटी विहांगी (11) और बेटे धार्मिक (3) की 19 जनवरी, 2022 को ठंड के कारण मौत हो गई। ‘द कैनेडियन प्रेस' की खबर के अनुसार यश पटेल (23) ने एक दुभाषिये के माध्यम से गवाही दी कि वह पटेल परिवार से अलग हो गया था और पांच या छह घंटे तक अकेले चलता रहा, जिसके बाद उसे एक वैन मिली, जिसमें उसकी प्रतीक्षा की जा रही थी। अभियोजकों का कहना है कि वह वैन स्टीव शैंड चला रहा था।
परिवार की मौत कनाडा से अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश करने की कोशिश के दौरान हुई। उस समय तापमान -38 डिग्री सेल्सियस तक गिर चुका था। यश पटेल (23) ने गवाही दी कि वह परिवार के साथ सीमा पार कर रहा था लेकिन रास्ते में उनसे अलग हो गया। कई घंटे अकेले चलने के बाद वह एक वैन तक पहुंचा, जिसे अभियोजकों के अनुसार स्टीव शैंड चला रहा था। वैन में पहुंचने के कुछ देर बाद अमेरिकी सीमा गश्ती दल ने उन्हें पकड़ लिया। हर्षकुमार पटेल और स्टीव शैंड पर आरोप है कि वे एक अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी गिरोह का हिस्सा थे। यह गिरोह भारत से कनाडा और फिर अमेरिका तक प्रवासियों को तस्करी के जरिए पहुंचाता था। राजिंदर सिंह पटेल, जो इसी गिरोह का सदस्य था, ने स्वीकार किया कि उसने 4 वर्षों में 500 से अधिक प्रवासियों को सीमा पार कराने में मदद की और 400,000 अमेरिकी डॉलर कमाए।
कैसे होती थी तस्करी?
ग्राहकों को भारत में ढूंढा जाता था, खासकर गुजरात के डिंगुचा गांव जैसे इलाकों से। इन्हें कनाडा का छात्र वीजा दिलवाया जाता था। कनाडा पहुंचने के बाद, प्रवासियों को सीमा पर लाकर अमेरिका में तस्करी की जाती थी। इस प्रक्रिया में लोग खतरनाक हालात में घंटों पैदल चलने के लिए मजबूर होते थे। 19 जनवरी, 2022 की सुबह कनाडाई अधिकारियों को बर्फ में जमे हुए पटेल परिवार के शव मिले।जगदीश पटेल अपने बेटे धार्मिक (3) को कंबल में लपेटे हुए पकड़े हुए थे।